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उत्तराखण्ड के चमोली में 3.3 तीव्रता का आया भूकंप : राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र

उत्तर नारी डेस्क 


भूकंप के झटकों से हिली धरती, दहशत का माहौल, रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 3.3 मापी गई 

उत्तराखण्ड में आज भूकंप के झटकों ने लोगों को दहला दिया है। चमोली जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटके से लोग खौफ में आ गए। भूकंप महसूस होते ही लोग दहशत में घरों और दुकानों से बाहर निकल आए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS)के अनुसार, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.3 मापी गई है। इसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। हालांकि किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है, लेकिन रात के समय आए इन झटकों ने लोगों की नींद जरूर उड़ा दी।

आपको बता दें, चमोली जिले में 19 जुलाई को 3.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी गहराई 10 किमी थी। इससे पहले 8 जुलाई को उत्तरकाशी में 3.2 तीव्रता का भूकंप आया था। फिलहाल, इस भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, चमोली में शनिवार रात को 12 बजकर 2 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 3.3 थी। 


कैसे आता है भूकंप? जानें रिक्टर स्केल पर तीव्रता 

भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं।

इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते।

वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

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