उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के जिला अस्पताल पौड़ी में अब सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा शुरू कर दी गई है। जिससे गर्भवती महिलाओं को श्रीनगर या देहरादून जैसे दूरस्थ स्थानों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए अस्पताल के सीएमएस डॉ. एलडी सेमवाल ने बताया कि अब तक यहां छह सफल सिजेरियन ऑपरेशन किए जा चुके हैं। साथ ही बताया कि महिलाओं और उनके परिजनों के लिए ठहरने और भोजन की निशुल्क व्यवस्था भी की गई है।
आपको बता दें, पूर्व में जिला अस्पताल पौड़ी पीपीपी मोड में संचालित था, जिसे अब फिर से सरकारी व्यवस्था के तहत संचालित किया जा रहा है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रूपा ने बताया कि जिला अस्पताल पौड़ी में पहले केवल सामान्य प्रसव ही किए जाते थे, जिस कारण सिजेरियन डिलीवरी के लिए महिलाओं को श्रीनगर या अन्य स्थानों पर जाना पड़ता था। लेकिन अब जिला अस्पताल में पूरी तरह से सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा दी जा रही है, जहा अब तक 6 सफल ऑपरेशन किया जा चुके है।
क्या है ? सिजेरियन डिलीवरी
सिजेरियन डिलीवरी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें पेट और गर्भाशय में चीरा लगाकर शिशु को जन्म दिया जाता है। यह तब किया जाता है जब योनि द्वारा प्रसव सुरक्षित नहीं होता है या जब माँ या बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खतरा होता है।
सिजेरियन डिलीवरी की आवश्यकता कब होती है?
यदि योनि से प्रसव संभव नहीं है, तो सिजेरियन डिलीवरी एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है।
यह गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के दौरान जटिलताओं के कारण आवश्यक हो सकता है, जैसे कि प्लेसेंटा प्रीविया, भ्रूण का गलत स्थान, या प्रसव में देरी।
कुछ मामलों में, डॉक्टर योजनाबद्ध सिजेरियन डिलीवरी की सलाह दे सकते हैं।
सिजेरियन डिलीवरी की प्रक्रिया आमतौर पर 30 से 60 मिनट तक चलती है। सिजेरियन डिलीवरी के बाद रिकवरी में आमतौर पर कुछ समय लगता है, और सामान्य दिनचर्या में वापस आने में 8 सप्ताह तक का समय लग सकता है।