उत्तर नारी डेस्क
यूं तो हैकरों का कोई भरोसा नहीं की वे कब और कहां किसी भी की वेबसाइट, आईडी हैक कर लें। पहले तो हैकर सिर्फ कम्प्यूटर ही हैक करते थे, लेकिन स्मार्ट तकनीकि आ जाने के कारण अब मोबाइल और सोशल नेटवर्किंग साइट को भी निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की बहुत अवश्यकता है।
इसी क्रम में अब देहरादून से मामला सामने आया है। जहां देहरादून में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने निजी स्कूल की वेबसाइट हैक कर अभिभावकों से अवैध वसूली करने वाले तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद फराज और सुदामा दिवाकर शामिल हैं, जो उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के रहने वाले हैं, इनकी उम्र 18 से 20 वर्ष के बीच है।
मिली जानकारी के मुताबिक एसटीएफ की टीम ने आरोपियों के कब्जे से चार मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड, दो बैंक खाते और कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बरामद किए हैं, जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने एक निजी स्कूल की वेबसाइट को हैक कर दिया था और अभिभावकों से ‘लैब फीस’ के नाम पर 5,000 रुपये की ऑनलाइन वसूली की जा रही थी।
एसएसपी एसटीएफ के अनुसार, आरोपियों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये का लेनदेन सामने आया है, जो इस बात का संकेत है कि यह गैंग लंबे समय से साइबर ठगी में सक्रिय था। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों पर अन्य राज्यों में भी वेबसाइट हैकिंग के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह गिरोह स्कूल प्रशासन के आधिकारिक पोर्टल में सेंध लगाकर फीस से जुड़ी फर्जी डिमांड नोटिस अपलोड करता था। इसके बाद अभिभावकों को एक फर्जी पेमेंट लिंक भेजकर सीधे अपने बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवा लेता था।
फिलहाल एसटीएफ टीम तीनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है ताकि उनके नेटवर्क, तकनीकी तरीकों और अन्य राज्यों में हुई घटनाओं का खुलासा हो सके।अधिकारियों का मानना है कि यह गैंग एक बड़े साइबर अपराध सिंडिकेट का हिस्सा हो सकता है, जो देशभर के शैक्षणिक संस्थानों को निशाना बना रहा है।एसटीएफ ने अभिभावकों और संस्थानों को सतर्क रहने की सलाह दी है और किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन भुगतान अनुरोध की तुरंत पुष्टि करने और साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने की अपील की है।