उत्तर नारी डेस्क
जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया की अध्यक्षता में जिला कार्यालय स्थित एनआईसी कक्ष में जिला स्तरीय गंगा समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में ठोस एवं जैव चिकित्सीय अपशिष्ट प्रबंधन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की स्थापना तथा बाढ़ मैदानी क्षेत्रों में अतिक्रमण जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गयी।
जिलाधिकारी ने कोटद्वार, सतपुली, थलीसैंण एवं पौड़ी नगर निकायों को एसटीपी के लिए भूमि चयन एवं पर्यावरणीय स्वीकृति की प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। जैव चिकित्सीय अपशिष्ट प्रबंधन के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी को अस्पतालों का नियमित निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया।
जिलाधिकारी ने कोटद्वार औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को कहा कि पौड़ी विकासखंड को मॉडल ब्लॉक के रूप में चयनित करते हुए शत-प्रतिशत कूड़ा प्रबंधन की योजना तैयार करने हेतु ब्लूप्रिंट प्रस्तुत करते हुए 15 दिन में धरातल पर कार्य शुरु हो जाय।
साथ ही जिलाधिकारी ने बाढ़ मैदानी क्षेत्रों में कराए गए सुरक्षा कार्यों एवं अतिक्रमण की स्थिति पर भी समीक्षा करते हुए सिंचाई एवं राजस्व विभाग को संयुक्त निरीक्षण कर सत्यापित रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा नगर निकाय जौंक में एसटीपी व श्रीनगर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट के कार्यों में तेजी लाने को कहा गया।
जिलाधिकारी ने श्रीनगर में मोबाइल शौचालय को सुचारू रखने, एसटीपी की मॉनिटरिंग के लिए एक हफ्ते के भीतर सेंसर लगवाने के लिए सहायक नगर आयुक्त को निर्देश दिए, जबकि श्रीनगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थिति को लेकर प्रभागीय वनाधिकारी पौड़ी को औचक निरीक्षण करने को कहा।
जिलाधिकारी ने नगर निकाय पौड़ी में अस्थायी कूड़ा निस्तारण व्यवस्था न होने तक उत्सर्जित कूड़ा नगर निगम श्रीनगर के प्लांट में डंप किए जाने हेतु प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखने के निर्देश दिये।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी स्वप्निल अनिरुद्ध, अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, जिला विकास अधिकारी, मनविंदर कौर, मुख्य जिला पर्यटन विकास अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, अधिशासी अभियंता जल निगम नवनीत कटारिया, जिला खनन अधिकारी राहुल नेगी सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।



