Uttarnari header

uttarnari

पौड़ी गढ़वाल : अतिवृष्टि के बाद राहत की रफ्तार, 255 सड़कें खुलीं, पेयजल–बिजली आपूर्ति बहाल

उत्तर नारी डेस्क 

जनपद पौड़ी गढ़वाल में अतिवृष्टि से हुए भूस्खलन और भूधॅंसाव की वजह से बाधित हुए अधिकांश मोटरमार्गों को यातायात के लिए खोल दिया गया है। वहीं, क्षतिग्रस्त पेयजल एवं विद्युत लाइनों की मरम्मत कर अस्थायी तौर पर आपूर्ति बहाल की गयी है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया द्वारा विभागीय अधिकारियों को सड़क यातायात, पेयजल, विद्युत आपूर्ति युद्ध स्तर पर बहाल किए जाने की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा से किसी व्यक्ति के आवास और गौशाला पर संकट की स्थिति में तत्काल संबंधित व्यक्ति को शिफ्ट करने और राहत सामग्री देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही लगातार हो रही बारिश के चलते अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश भी दिए गए हैं।

बता दें कि विगत 6 अगस्त की प्रातः जनपद में पीएमजीएसवाई और लोक निर्माण विभाग की कुल 275 सड़कें मलबा आने, पुश्ता ढ़हने, भूस्खलन और भूधॅंसाव के कारण अवरुद्ध हो गयी थीं। इनमें से 256 सड़कों पर यातायात सुचारु कर दिया गया है। जिले में 10 अगस्त को रात्रि तक लोक निर्माण विभाग की 199 बाधित सड़कों में से 190 सड़कों को खोल दिया गया है। वहीं पीएमजीएसवाई की 76 में से 66 सड़कों पर यातायात सुचारु है। विभागों के अनुसार, सड़कों को अस्थायी रूप से खोला गया है, दीर्घकालिक रूप से सड़कों को ठीक करने का आगणन भी प्रगति पर है।

जिले में आपदा से जल निगम और जल संस्थान की 70 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गयी थीं, जिनमें से 64 योजनाओं से अस्थायी रूप से पेयजल आपूर्ति बहाल की गयी हैं। जल संस्थान पौड़ी की 47 में से 46, जल संस्थान कोटद्वार की 2 में से 2 और पेयजल निगम कोटद्वार की 21 में से 16 योजनाओं पर जलापूर्ति सुचारु है।

अतिवृष्टि से जनपद में ऊर्जा निगम की 33 केबी की 520 मीटर, 11 केबी की लगभग साढ़े 3390 मीटर और 5580 मीटर एलटी लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी थी। इसमें 140 वोल्ट क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिससे 163 गांवों की विद्युत आपूर्ति प्रभावित हो गयी थी। ऊर्जा निगम के अथक प्रयासों से 158 गांवों में विद्युत आपूर्ति बहाल हो गयी है।


लगभग 50 लाख की राहत राशि प्रदान की गयी

जनपद में 6 अगस्त को प्राकृतिक आपदा से 338 गांव प्रभावित हुए तथा 3 महिलाओं की दुखद मृत्यु हुई तथा पांच व्यक्ति घायल हो गए थे। साथ ही तहसील थलीसैंण के बांकुड़ा गांव में बाढ़ में पांच नेपाली मजदूर बह गए थे, जिनकी तलाश जारी है। आपदा से भवनों की आंशिक, तीक्ष्ण और पूर्ण रूप से क्षति होने के साथ कुछ पशुओं की मृत्यु भी हुई है। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को लगभग 50 लाख रुपए की वित्तीय राहत सहायता दी। साथ ही प्राथमिक सर्वेक्षण में जिले में 136 भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं।

Comments