उत्तर नारी डेस्क
मानसून ने उत्तराखण्ड में डेरा जमा लिया है। 20 जून को दस्तक देने के बाद से ही राज्य के लोग कभी रेड, कभी ऑरेंज और कभी येलो अलर्ट के साए में जी रहे हैं। यहां का मौसम कब करवट ले ले, कुछ कहा नहीं जा सकता। एक दिन धूप खिली नजर आती है तो दूसरे ही दिन आसमान से झमाझम बारिश बरसने लगती है। यही कारण है कि पहाड़ से लेकर मैदान तक लोग हर पल मौसम विभाग की चेतावनी पर नज़र गड़ाए रहते हैं। राहत के बाद फिर टेंशन
बीते बुधवार को मौसम ने थोड़ी राहत दी थी। राज्य के ज्यादातर जिलों में सुबह-सुबह घने बादल जरूर छाए, लेकिन धीरे-धीरे दोपहर तक आसमान साफ हो गया और लोगों ने राहत की सांस ली हालांकि कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश भी देखने को मिली। देहरादून में भी यही हाल रहा। सुबह बादलों की गड़गड़ाहट और बूंदाबांदी के आसार थे, लेकिन दिन चढ़ते-चढ़ते मौसम का मिज़ाज बदल गया। लोगों को लगा कि शायद अब बारिश थम जाएगी, लेकिन गुरुवार यानी 21 अगस्त को फिर से मौसम ने करवट बदलने का मन बना लिया है।
पूरे राज्य के लिए ये वाला अलर्ट
मौसम विभाग (IMD) ने आज पूरे (Uttarakhand Weather Today) उत्तराखण्ड के लिए येलो अलर्ट जारी किया है यानी सतर्क रहें, क्योंकि मौसम किसी भी वक्त करवट बदल सकता है। खासतौर पर उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में भारी बारिश (Heavy Rain) की संभावना जताई गई है। यहां न केवल झमाझम बारिश बल्कि गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने और अति-तीव्र दौर की भी आशंका है।
केवल पहाड़ ही नहीं, बल्कि मैदानी जिलों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। मौसम विभाग का कहना है कि यहां थंडरस्टॉर्म, तेज़ हवाएं और बिजली गिरने के आसार बने हुए हैं। ऐसे में लोगों को सलाह दी गई है कि बिना ज़रूरत घर से बाहर न निकले और खुले स्थानों पर खड़े होने से बचें। उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि बारिश यहां अक्सर आपदा का रूप ले लेती है। पहाड़ों पर लैंडस्लाइड, सड़कें बंद होने और नदियों के उफान पर आने का खतरा हमेशा बना रहता है। मैदानों में जलभराव और बिजली गिरने जैसी घटनाएं आम हैं। यही वजह है कि मौसम विभाग के अलर्ट को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। भले ही बुधवार को लोगों ने राहत महसूस की हो, लेकिन गुरुवार का दिन सतर्क रहने का है। मानसून अभी गया नहीं है।