उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में नकली और मिलावटी दवाओं के कारोबार पर अब सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में नकली दवाओं का अवैध व्यापार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई करते हुए इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा।
अपर आयुक्त एफडीए व ड्रग कंट्रोलर उत्तराखंड ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में औषधि निर्माण इकाइयों, दवा विक्रेताओं और स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की गई। जिसके बाद विभाग की ओर से दो विशेष टीमों का गठन कर सभी जनपदों में औषधि विक्रेताओं, निर्माण इकाइयों और चिकित्सा संस्थानों पर छापामारी की जा रही है। इसके लिए Quick Response Team (QRT) भी सक्रिय की गई है। अब तक 457 दवाओं के नमूने जांच के लिए लिए गए हैं, जिनमें 2 नमूने मानक के विपरीत पाए गए।
कार्रवाई के तहत तीन औषधि निर्माण इकाइयों और कई मेडिकल स्टोर्स पर शिकंजा कसा गया है। जुलाई माह तक कुल 15 दवा निर्माण इकाइयों और 20 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस निलंबित किए गए, जबकि 9 अस्पताल और नर्सिंग होम्स पर भी कार्रवाई हुई है। साथ ही 73 मेडिकल स्टोर्स पर नियम उल्लंघन पाए जाने पर दंडात्मक कदम उठाए गए।
अपर आयुक्त ने साफ किया है कि उपभोक्ताओं तक केवल गुणवत्तापूर्ण दवाएं ही पहुंचें, इसके लिए प्रदेशभर में लगातार छापामारी और निरीक्षण जारी है। प्रदेश में दवा कारोबारियों को गुणवत्ता से समझौता करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।



