उत्तर नारी डेस्क
बेटियों और महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाएं इस कदर पैर पसार रही है कि आए दिन ऐसी घटनाओं के बारे में सुनना आम हो गया है। महिलाएं और लड़कियां घर में भी सुरक्षित नहीं है। पहले तो लड़कियों के घर से बाहर जाने में आपत्ति जताई जाती थी लेकिन अब तो घर के भीतर ही ऐसे मामले सुनने में आ रहे है जिससे रूह कांप उठ रही है। ऐसा ही एक मामला हरिद्वार के कनखल क्षेत्र से सामने आया है, जिसने रिश्तों को शर्मसार कर दिया है। यहां एक 60 वर्षीय कलयुगी पिता ने अपनी ही नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किया। घटना का पता तब चला, जब किशोरी को गर्भपात की दवा खिलाने से उसकी तबीयत बिगड़ गई। यही नहीं, ऊधम सिंह नगर निवासी प्रेमी ने भी किशोरी के साथ कई बार गलत काम किया। पुलिस ने आरोपित पिता और प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में पेश कर दोनों को जेल भेज दिया गया है।
पुलिस के मुताबिक, एक महिला ने 8 अक्टूबर को कनखल थाने पहुंचकर बताया कि उसकी 17-वर्षीय छोटी बहन को तबीयत बिगड़ने पर मंगलवार को अस्पताल ले जाया गया था, जहां डाक्टरों ने बताया कि किशोरी को गर्भपात की दवा खिलाई गई है। गंभीर हालत में उसे देहरादून रेफर करना पड़ा। वहां एक अस्पताल में भर्ती पीड़िता ने हालत में सुधार होने पर बताया कि पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया था और गर्भवती होने पर गर्भपात की दवा खिलाई।
किशोरी ने यह भी बताया कि तीसरी बार गर्भपात हुआ है। पहली व दूसरी बार वह प्रेमी प्रियांश निवासी संन्यासियों वाला, जसपुर, ऊधम सिंह नगर के दुष्कर्म करने से गर्भवती हुई, तब प्रेमी ने गर्भपात की दवाई खिलाई थी। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर पुलिस ने तत्काल आरोपित पिता व प्रेमी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया और कार्यवाहक थाना प्रभारी नितिन चौहान के नेतृत्व में चंद घंटों के भीतर गुरुवार को दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसपी सिटी पंकज गैरोला ने बताया कि प्रियांश कई वर्ष से हरिद्वार में पीड़िता के पिता के साथ मजदूरी करता आ रहा है। वह उनके पड़ोस में ही रहता था। पिता को पीड़िता के प्रेम प्रसंग के बारे में मालूम था। पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि पीड़िता के दो बार गर्भपात की जानकारी भी पिता को थी, लेकिन उसने प्रियांश को सजा दिलाने के बजाय हालात का फायदा उठाकर खुद बेटी के साथ घिनौना कार्य किया।
कोटद्वार : फेसबुक पर आए एक फर्जी लिंक पर किया क्लिक, हुई लाखों की ऑनलाइन धोखाधड़ी
कोटद्वार में पुलिस ने लाखों की ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले साइबर ठग को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। दो दिन पहले विनोद कुमार बहुगुणा द्वारा साइबर सेल कोटद्वार में तहरीर देते हुए बताया गया कि उन्होंने फेसबुक पर “योनों स्टेट बैंक” के नाम से एक विज्ञापन देखा, जिसमें बैंक संबंधी सुविधाएं प्राप्त करने का दावा किया गया था। इस लिंक को सही समझते हुए उन्होंने उस पर क्लिक किया।
जिसके बाद लिंक में दिए गए नंबर पर उन्होंने अपने खाते की जानकारी दी, और तब वादी के बैंक खाते से 3,15,000 रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी कर ली गई। जिसके बाद साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज करते हुए सर्विलांस और डिजिटल ट्रेसिंग के माध्यम से आरोपित की पहचान की और शिवम शर्मा निवासी-खोड़ा, गाजियाबाद को दबिश देकर गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। घटना के बाद पुलिस ने आम जनता से साइबर अपराधियों से सावधान रहने की अपील की है।
पौड़ी पुलिस की अपीलः-
ऑनलाइन लिंक, बैंक विज्ञापन या किसी भी अनजान कॉल/मैसेज पर क्लिक या जानकारी साझा न करें। साइबर अपराध होने पर तुरंत 1930 या नजदीकी थाना / साइबर सेल को सूचित करें।
नाम पता अभियुक्त
शिवम शर्मा पुत्र दिनेश कुमार शर्मा, निवासी- खोड़ा कालोनी, जनपद- गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश।
कोटद्वार : फेसबुक पर आए एक फर्जी लिंक पर किया क्लिक, हुई लाखों की ऑनलाइन धोखाधड़ी
कोटद्वार में पुलिस ने लाखों की ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले साइबर ठग को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। दो दिन पहले विनोद कुमार बहुगुणा द्वारा साइबर सेल कोटद्वार में तहरीर देते हुए बताया गया कि उन्होंने फेसबुक पर “योनों स्टेट बैंक” के नाम से एक विज्ञापन देखा, जिसमें बैंक संबंधी सुविधाएं प्राप्त करने का दावा किया गया था। इस लिंक को सही समझते हुए उन्होंने उस पर क्लिक किया।
जिसके बाद लिंक में दिए गए नंबर पर उन्होंने अपने खाते की जानकारी दी, और तब वादी के बैंक खाते से 3,15,000 रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी कर ली गई। जिसके बाद साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज करते हुए सर्विलांस और डिजिटल ट्रेसिंग के माध्यम से आरोपित की पहचान की और शिवम शर्मा निवासी-खोड़ा, गाजियाबाद को दबिश देकर गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। घटना के बाद पुलिस ने आम जनता से साइबर अपराधियों से सावधान रहने की अपील की है।
पौड़ी पुलिस की अपीलः-
ऑनलाइन लिंक, बैंक विज्ञापन या किसी भी अनजान कॉल/मैसेज पर क्लिक या जानकारी साझा न करें। साइबर अपराध होने पर तुरंत 1930 या नजदीकी थाना / साइबर सेल को सूचित करें।
नाम पता अभियुक्त
शिवम शर्मा पुत्र दिनेश कुमार शर्मा, निवासी- खोड़ा कालोनी, जनपद- गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश।
पौड़ी गढ़वाल : गायत्री पटवाल ने चुनौतियों को बनाया अवसर, बनी महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत
पौड़ी जनपद के विकासखंड कल्जीखाल के ग्राम घंडियाल की गायत्री पटवाल आज क्षेत्र की सफल उद्यमी महिला के रूप में जानी जाती हैं। कभी घर-गृहस्थी और खेती तक सीमित रही गायत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दूरदर्शी नेतृत्व में संचालित ग्रामोत्थान परियोजना के सहयोग से अपनी आर्थिक स्थिति सुधारी और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गयीं।
पौड़ी जिले के विकासखण्ड कल्जीखाल के ग्राम घंडियाल की निवासी गायत्री पटवाल राजराजेश्वरी समूह की सदस्य हैं, जो बुरांश स्वायत्त सहकारिता से जुड़ा है। अगस्त 2024 में इस सहकारिता को ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत अंगीकृत किया गया। गायत्री पहले घर के कार्य और खेती तक ही सीमित थी। उनके पास एक गाय थी और वे कृषि कार्य के साथ परिवार का भरण-पोषण करती थी। वर्ष 2023 में उन्होंने टैंट एवं कैटरिंग व्यवसाय शुरू किया, लेकिन सीमित संसाधनों के चलते बड़ा विस्तार नहीं कर पा रही थी।
ग्रामोत्थान परियोजना के तहत गायत्री का चयन व्यक्तिगत उद्यम सर्वेक्षण में हुआ। परियोजना टीम द्वारा भौतिक सत्यापन के बाद उन्हें 75 हजार की परियोजना सहायता राशि प्रदान की गयी। इसके साथ 01 लाख का बैंक ऋण और 3 लाख 18 हजार 350 का स्वयं का अंशदान जोड़कर उनके उद्यम की कुल लागत 4 लाख 93 हजार 350 हुई।
गायत्री पटवाल बताती हैं कि अब उनके टैंट एवं कैटरिंग व्यवसाय से हर माह करीब 1 लाख की आय होती है, जिसमें से 30 से 40 हजार का शुद्ध लाभ अर्जित होता है। इससे उनका परिवार अब आत्मनिर्भर हो चुका है। गायत्री बताती हैं कि पहले आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। ग्रामोत्थान परियोजना ने मुझे आगे बढ़ने का अवसर दिया। अब मेरा कारोबार अच्छा चल रहा है और मैं अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही हूं। इसके लिए वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिला प्रशासन और ग्रामोत्थान परियोजना टीम का हृदय से धन्यवाद करती हैं।
ग्रामोत्थान परियोजना प्रबंधक कुलदीप बिष्ट ने बताया कि शुरुआती दिनों में गायत्री को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 5 लाख का टेंट सामग्री तो खरीद ली, पर ग्राहकी कम होने से व्यापार ठप पड़ने लगा। समय-समय पर ग्रामोत्थान परियोजना द्वारा दिए गए प्रशिक्षण और सीएलएफ की महिलाओं के सहयोग से उन्होंने अपने व्यवसाय का प्रचार-प्रसार किया। धीरे-धीरे बुकिंग बढ़ने लगी और व्यापार ने रफ्तार पकड़ ली।
उन्होंने बताया कि गायत्री पटवाल जैसी महिलाओं की सफलता ही परियोजना का वास्तविक उद्देश्य है। बताया कि हमारा लक्ष्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर हों। गायत्री आज अपने क्षेत्र की रोल मॉडल हैं।

