उत्तर नारी डेस्क
केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज पर कल सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर बंद होंगे। इससे पहले भगवान शिव की समाधि पूजा की जाएगी। बीकेटीसी द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सुबह समाधि पूजा के बाद विधि-विधान से कपाट बंद कर डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी।
वहीं, माँ गंगा के उद्गम स्थल पर स्थित उत्तराखण्ड के सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल गंगोत्री धाम के कपाट आज 22 अक्टूबर को अन्नकूट के पावन पर्व पर पूर्वाह्न 11 बजकर 36 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा अर्चना के बाद विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिये गए है। पुलिस सुरक्षा के बीच मां गंगा की डोली आर्मी बैंड, ढोल-दमाऊ और सैकड़ों श्रद्धालु के साथ माँ गंगा के जय-जयकारों के साथ गंगोत्री से मुखबा गांव के लिए रवाना हुई।
मां गंगा का रात्रि विश्राम आज मां चंडी देवी (मार्कण्डेय पूरी) मन्दिर में होगा। कल मां गंगा की उत्सव डोली भैया दूज के पर्व पर अपने मायके मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी। शीतकाल में श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन और पूजा-अर्चना गंगा जी के शीतकालीन प्रवास मुखबा स्थित गंगा मंदिर में कर सकेंगें। मां गंगा की भोग मूर्ति 6 माह सोमेश्वर देवता के साथ मुखबा में रहेंगी।