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यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकालीन के लिए हुए बन्द, अब खरसाली में होंगे दर्शन

उत्तर नारी डेस्क 

श्री यमुनोत्री धाम के कपाट आज, गुरुवार, 23 अक्टूबर को शीतकाल के लिए विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। ​परंपरा अनुसार, भैया दूज के पावन पर्व पर, दोपहर 12 बजकर 30 मिनट के शुभ मुहूर्त पर, वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मंदिर के कपाट बंद किए गए। इससे पहले आज सुबह मां यमुना के भाई शनिदेव महाराज की डोली वाद्य यंत्रों के साथ खरसाली गांव से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। 

धाम में आज तड़के से ही विशेष पूजा-अभिषेक का क्रम जारी रहा और कपाट बंद होने पर यमुना जी की भोग मूर्ति को डोली में बिठाकर भाई शनिदेव समेश्वर महाराज की अगुवाई में खरसाली गांव के लिए रवाना किया गया। देश विदेश से आए हुए हजारों श्रद्धालु और तीर्थ पुरोहित कपाट बंद होने के इस अवसर के साक्षी बने। अगले छह महीने के लिये श्रद्धालु अब मां यमुना के दर्शन और पूजा-अर्चना खरसाली स्थित मंदिर में कर सकेंगे। यहीं पर उनकी नित्य पूजा संपन्न होगी। 

​श्री यमुनोत्री धाम मंदिर समिति ने इस वर्ष की यात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए सभी तीर्थयात्रियों, प्रशासन, पुलिस बल और स्थानीय निवासियों का आभार व्यक्त किया है। इस यात्राकाल में कपाटोद्घाटन से कपाटबंदी तक इस बार 644505 तीर्थयात्रियों द्वारा यमुनोत्री धाम में दर्शन किए गए। जनपद में अवस्थित दोनों धाम श्री यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में इस बार कुल 14 लाख से अधिक तीर्थयात्री 155731 छोटे–बड़े वाहनों से दर्शनार्थ पहुंचे। वहीं, श्रद्धालुओं के चढ़ावे और भेंट से यमुनोत्री मंदिर समिति को करीब 50 लाख रुपए की आय हुई है। गत वर्ष की अपेक्षा श्रद्धालुओं की आवाजाही में थोड़ी कमी आई।‌

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