उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में नशा तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते अभी तक कई सारे युवा नशे के आदी हो चुके है। इतना ही नहीं बल्कि गांव में भी अधिकांश युवा व अन्य व्यक्तियों द्वारा नशे को बेचा व खरीदा जा रहा है जिससे समाज का माहौल बिगड़ रहा है। लेकिन ऐसे में पौड़ी गढ़वाल जिले के थलीसैंण ब्लॉक की युवा ग्राम प्रधान बिरमा रावत ने नशा मुक्त समाज की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए शराब की बिक्री और खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। गांव में अब कोई भी व्यक्ति शराब बेचेगा या खरीदेगा तो उसे 10 हजार से 20 हजार रुपये तक का अर्थदंड देना होगा।
जानकारी के अनुसार, पौड़ी जिले के थलीसैंण ब्लॉक की ग्राम पंचायत मरोडा की ग्राम प्रधान 23 वर्षीय बिरमा रावत की पहल पर ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि मरोड़ा गांव में अवैध रूप से शराब बेचने और खरीदने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इतना ही नहीं बल्कि अब गांव में शराब बेचने पर 20 हज़ार और खरीदने पर 10 हज़ार रुपये का अर्थ दंड लगाया जाएगा। इसके साथ ही सूचना देने वाले की पहचान को गुप्त रखकर उसे पुरस्कृत किया जाएगा। इसके अलावा भविष्य मे सामाजिक समारोह में भी शराब परोसने को प्रतिबंधित करने की योजना बनाई गई है।
बताते चले लगभग 120 परिवार वाले मरोड़ा गांव में हाल ही में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बिरमा को ग्राम प्रधान चुना गया, जिन्होंने बीते 27 अगस्त को ग्राम प्रधान के पद की शपथ ली और खुली बैठकों का दौर शुरू किया। इस दौरान गांव में नशे के प्रचलन और कुछ लोगों के अवैध रूप से शराब बेचने के विरुद्ध बिरमा ने आवाज उठाई। सामाजिक भावनाओं को महसूस कर बिरमा ने पंचायत की खुली बैठक मे शराब खरीदने और बेचने पर प्रतिबंध का प्रस्ताव रखा जिसका वार्ड सदस्यों और अन्य ग्रामीणों ने खुले मन से स्वागत किया।
बिरमा बताती है की गांव से सड़क तक पहुंचने के लिए अभी 800 मीटर पैदल चलना पड़ता है जिसके तहत मार्ग निर्माण करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके अलावा मरोड़ा गांव और कुणेथ के बीच पिछले 1 साल पहले BSNL का टावर लग चुका है लेकिन अभी भी वहां पर संचार सेवा शुरू नहीं हुई है जिसको वो बहाल करना चाहती है।
उत्तराखण्ड के रजनीश जोशी ने SSC CPO परीक्षा में हासिल की सफलता, CISF में बने SI
उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के ताकुला के डोटियाल गांव के रहने वाले है रजनीश जोशी ने SSC CPO परीक्षा उत्तीर्ण कर CISF में सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित होकर अपने परिजनों का मान बढ़ाया है।
बता दें, रजनीश के पिता मोहन चंद्र जोशी ग्राम पुरोहित है जबकि उनकी माता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। वहीं, रजनीश ने अपनी मूल शिक्षा अपने ही गांव से प्राप्त की है। जबकि उन्होंने हल्द्वानी से कॉलेज करने के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी की। रजनीश को अपने प्रथम प्रयास में सफलता हासिल हुई इससे पहले भी वह दो बार सरकारी नौकरी का एग्जाम क्लियर कर चुके हैं।
रजनीश बताते हैं कि अभी वह 22 वर्ष के हैं हालांकि जब उन्होंने SSC CPO परीक्षा दी थी तब उनकी उम्र महज 20 वर्ष थी। रजनीश ने अपनी इस विशेष उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।



