उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के पर्वतीय जनपद पौड़ी गढ़वाल में एक नया इतिहास रचा गया। एक ऐसा इतिहास जिसमें खेलों के माध्यम से समुदाय को जोड़ने, युवाओं में ऊर्जा का संचार करने और जिले की पहचान को खेल मानचित्र पर उकेरने की कोशिश नज़र आयी। यह कहानी है राज्य स्तरीय आमंत्रण फुटबॉल प्रतियोगिता 2025 की, जिसका नेतृत्व किया जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और टीम भावना ने इस प्रतियोगिता को एक जीवंत उत्सव का रूप दे दिया।
साल 2025 की शरद ऋतु में जब पौड़ी के कंडोलिया मैदान में ढोल-नगाड़ों के साथ राज्य की 14 टीमें उतरीं, तो यह केवल एक खेल आयोजन नहीं था। यह एक सार्थक पहल थी, जिसका उद्देश्य फुटबॉल को पर्वतीय क्षेत्रों में लोकप्रिय बनाना और नए खिलाड़ियों को मंच देना था।
चार दिवसीय प्रतियोगिता के दौरान कंडोलिया मैदान ऊर्जा और उमंग से भर उठा। दर्शकदीर्घाओं में बच्चों, युवाओं और बुज़ुर्गों तक की भागीदारी ने इस आयोजन को एक जन-उत्सव का रूप दे दिया। उद्घाटन अवसर पर स्कूलों के नन्हें बच्चों एवं स्थानीय सांस्कृतिक दलों द्वारा पेश किए गए लोकगीतों और स्वागतगीत ने मैदान को रंगारंग बना दिया।
जिला प्रशासन और खेल विभाग के साथ समाज के विभिन्न वर्गों का सहयोग इस आयोजन की ख़ास बात रही। जल संस्थान, स्वास्थ्य, विद्युत, समाज कल्याण, शिक्षा विभाग आदि सभी की सहभागिता ने इसे सुचारु संचालन में मदद की।
जिलाधिकारी के निर्देश पर अनुभवी राष्ट्रीय खिलाड़ियों को आमंत्रित किया गया, ताकि प्रतिभागी उभरते खिलाड़ी उनसे सीख सकें। फुटबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी मनीष मैठाणी ने भी इस अवसर पर जिलाधिकारी की सराहना करते हुए कहा कि पौड़ी जैसे पहाड़ी क्षेत्र में इस स्तर का आयोजन एक मिसाल है।
फाइनल में हरिद्वार की टीम ने चंपावत को 1–0 से हराया। परंतु यह प्रतियोगिता सिर्फ ट्रॉफियों तक सीमित नहीं रही, यह सपना था पौड़ी को खेलों का उभरता केंद्र बनाने का। और यह सपना साकार होता दिखा, जब प्रशासन इलेवन और प्रेस इलेवन के बीच के मैत्री मैच में खिलाड़ियों ने खेल भावना से खेलते हुए दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
जिलाधिकारी ने खिलाड़ियों और दर्शकों को नशा मुक्त भारत की शपथ भी दिलायी, जिससे यह आयोजन सामाजिक व नैतिक संदेश के साथ भी जुड़ गया। उन्होंने कहा कि खेल युवाओं को ऊर्जा, अनुशासन और उद्देश्य देता है, और ऐसे आयोजनों से हमारी नई पीढ़ी को सकारात्मक दिशा मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजन आगे भी जारी रहेंगे। जिला प्रशासन खेल अवसंरचना को स्थापित करने और स्थानीय स्तर पर प्रतिभा निखारने पर ध्यान दे रहा है। साथ ही, पौड़ी में फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए वार्षिक अंतरजनपदीय प्रतियोगिता, स्पोर्ट्स कैंप और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की भी योजना है।
पौड़ी ने एक बार फिर यह साबित किया है कि पहाड़ों में सिर्फ प्रकृति के दृश्य नहीं, बल्कि अदम्य जज़्बा भी बसता है। यह केवल एक प्रतियोगिता की सफलता नहीं, बल्कि संकल्प, समन्वय और समर्पण की मिसाल है।

