Uttarnari header

E-KYC कराने को मांगे 100 रुपये, सस्ता गल्ला विक्रेता का लाइसेंस निरस्त

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड समेत समूचे देश में इन दिनों राशनकार्ड की ई-केवाईसी कराने को लेकर हाय-तौबा मची हुई है। वैसे तो सस्ता गल्ला की दुकानों पर ई-केवाईसी निशुल्क की जानी है परंतु कुछ राशन विक्रेता धांधली से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पिथौरागढ़ जिले से सामने आ रहा है जहां डीडीहाट नगर में संचालित सस्ता गल्ला की दुकान में राशन कार्ड धारकों से निशुल्क ई-केवाईसी के नाम पर धन लेने का वीडियो वायरल होने से प्रशासन और पूर्ति विभाग में अफरा-तफरी है। सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में एक उपभोक्ता ई-केवाईसी के नाम पर 100 रुपये मांगने का विरोध कर रहा है। यह मामला चर्चाओं में है। इस मामले को लेकर ई-केवाईसी व्यवस्था पर सवाल उठे तो पूर्ति विभाग ने संबंधित सस्ता गल्ला विक्रेता की जमानत राशि जब्त करते हुए इसका लाइसेंस निरस्त किया है।

गौरतलब है कि वर्तमान में राशन कार्ड धारकों का ई-केवाईसी अभियान चलाया जा रहा है। विभागीय निर्देशों के अनुसार 15 दिसंबर तक राशन कार्ड में दर्ज सभी उपभोक्ताओं का ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है। निर्धारित तिथि तक ई-केवाईसी नहीं होने की स्थिति में संबंधित उपभोक्ताओं को राशन का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसी कारण बड़ी संख्या में उपभोक्ता ई-केवाईसी के लिए परेशान हैं।

इसी बीच डीडीहाट नगर की एक सस्ता गल्ला दुकान से जुड़ा यह कथित वीडियो सामने आया है, जिसमें उपभोक्ता द्वारा ई-केवाईसी के लिए अवैध रूप से पैसे मांगे जाने का आरोप लगाया गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्ति विभाग ने कार्रवाई करते हुए स्पष्ट किया है कि ई-केवाईसी पूरी तरह निशुल्क है और इसके लिए किसी भी प्रकार की धनराशि लेना नियमों का उल्लंघन है।


ई-केवाईसी के नाम पर लिया गया धन लौटाने के निर्देश

ई-केवाईसी के नाम पर धन लेने का वीडियो वायरल होने पर प्रशासन और पूर्ति विभाग सतर्क हो गया है। आशंका जताई जा रही है कि ई-केवाईसी के नाम पर कई अन्य उपभोक्ताओं से धन लिया गया होगा। ऐसे में पूर्ति विभाग और प्रशासन ने हर सस्ता गल्ला की दुकान पर निशुल्क ई-केवाईसी होने का नोटिस चस्पा करने के निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों के मुताबिक यदि किसी सस्ता गल्ला विक्रेता ने किसी भी उपभोक्ता से ई-केवाईसी के नाम पर धन लिया है तो उसे संबंधित को तुरंत लौटा दें। यदि किसी भी उपभोक्ता ने धन लेने की शिकायत की तो संबंधित सस्ता गल्ला विक्रेता को इसकी कीमत चुकानी होगी।

Comments