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कोटद्वार : सिद्धबली मंदिर पहुंचे CM योगी आदित्यनाथ, टेका मत्था

उत्तर नारी डेस्क


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज कोटद्वार पहुंचे। जहां उन्होंने श्री सिद्धबली बाबा के दर्शन किये और माथा टेककर आशीर्वाद लिया। इस दौरान 

लैंसडौन विधायक महंत दिलीप रावत ने मंदिर प्रांगण में पहुंचने पर उनका स्वागत किया। योगी आदित्यनाथ हेलिकॉप्टर से कोटद्वार पहुंचे थे। ग्रास्टनगंज में हेलीपैड पर उतरकर कार से दोपहर 2:45 बजे सिद्धबली मंदिर पहुंचे। सिद्धबली बाबा के समक्ष नतमस्तक होकर करबद्ध प्रार्थना की।

इसके बाद योगी आदित्यनाथ कोटद्वार के गाड़ीघाट क्षेत्र में अपनी बहन कौशल्या देवी के आवास पर पहुंचे। उन्होंने जीजा ओमप्रकाश रावत के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त कर बहन को ढांढस बंधाया। इस दौरान प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से गाड़ीघाट क्षेत्र में भी कुछ मार्गों पर रूट डायवर्ट किया हुआ था। कई जगहों पर अवरोधक रखे थे और वाहनों की आवाजाही को रोका गया था।


दस साल की सेवा पूर्ण करने वाले संविदा कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण के आदेश जारी 



राज्य सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय के क्रम में विनियमितीकरण नियमावली-2013 में संशोधन करते हुए दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक तथा तदर्थ रूप में नियुक्त कार्मिकों का विनियमितीकरण (संशोधन) नियमावली-2025 जारी कर दी गई है।

सचिव कार्मिक, शैलेश बगौली द्वारा इस संबंध में आज अधिसूचना निर्गत की गई। संशोधित नियमावली के अनुसार, अन्य शर्तें पूर्ण करने पर दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक तथा तदर्थ रूप से नियुक्त वे कार्मिक विनियमितीकरण हेतु पात्र होंगे, जिन्होंने 04 दिसंबर 2018 तक इस रूप में कम से कम 10 वर्ष की निरन्तर सेवा उस पद या समकक्ष पद पर पूर्ण कर ली हो। 

जबकि उपरोक्त संशोधन से पूर्व यह व्यवस्था थी कि नियमावली में उल्लिखित अन्य शर्तें पूर्ण करने पर दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक तथा तदर्थ रूप से नियुक्त वे कार्मिक विनियमितीकरण हेतु पात्र थे, जिन्होंने वर्ष 2013 की नियमावली के प्रख्यापन की तिथि को इस रूप में कम से कम पाँच वर्ष की निरन्तर सेवा उस पद या समकक्ष पद पर पूर्ण कर ली हो।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य हमेशा से कार्मिकों का हित सुरक्षित रखना रहा है।

यह निर्णय उन सभी कार्मिकों को न्याय देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जिन्होंने वर्षों तक निरंतर सेवा देकर राज्य की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार कर्मचारियों के हितों के प्रति संवेदनशील है और भविष्य में भी उनके कल्याण एवं सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाती रहेगी।

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