उत्तर नारी डेस्क
आधुनिकता के इस दौर में हमारे देश में कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं। अब चाहे वो पहनावे को लेकर हो, या फिर खान—पान को लेकर, लोग समय के साथ-साथ भले ही बदल रहें है, लेकिन कुछ चीज़ों को लेकर आज भी कई लोगों की मानसिकता वही है जैसे मासिक धर्म, आज की महिलाएँ जहाँ पुरुषों के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहीं है, वहीं इस विषय पर बात करने से लगभग सभी को शर्म आती है।
लेकिन ये शर्म छोड़ कर महिलाओं में होने वाले मासिक धर्म के बारे में पूरी जानकारी जहाँ एक ओर महिलाओं को होनी आवश्यक है वहीं पुरुषों को भी है।
यह सभी जानते है कि महिलाओं को हर माह अपने शारीरिक अवरोध का सामना करना पड़ता है। कई क्षेत्रों में महिलाएं गंदे कपड़े का प्रयोग करती है। वहीं कई क्षेत्रों में तो मासिक धर्म के दौरान घर में प्रवेश भी नहीं करने दिया जाता। उन्हें घृणा की नज़रो से देखा जाता हैं, ऐसी रूढ़िवादी सोच को बदलकर सभी को वक़्त के साथ बदलना होगा और यह भी जान ना होगा कि मासिक धर्म के दौरान गन्दा कपड़ा प्रयोग में ना लाए ऐसी लापरवाही से कई गंभीर बीमारियाँ हो सकती है व स्वास्थ्य संबंधी अपूर्णीय समस्याएं पैदा होती है। मासिक धर्म की एक सबसे बड़ी उलझन यह भी है, कि किशोरियां प्रायः कई दिनों तक स्कूल भी नहीं जाती हैं।
इस विषय को गंभीरता से लेते हुए "उत्तराखण्ड क्रांति दल डेमोक्रेटिक पार्टी" के केंद्रीय प्रवक्ता रोहित डंडरियाल ने अंकिता बलूनी, इंदू डोबरियाल के साथ मिलकर पदमपुर सुखरौ में सैनिटरी नैपकिन के इस्तेमाल व उसकी महत्वता को लेकर महिलाओं को जागरूक किया।
वहीं केंद्रीय प्रवक्ता रोहित डंडरियाल जी ने बताया कि आने वाले समय में औरतों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए और समाज में बराबर दर्जा देने के लिए समय समय पर कानूनी जागरूकता शिविर करते रहेंगे ताकि महिलाएँ अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हो सकें।
केंद्रीय प्रवक्ता 'रोहित डंडरियाल' ने बताया कि अगर उत्तराखण्ड क्रांति दल डेमोक्रेटिक सरकार आती है तो महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी नेपकिन्स का वितरण किया जाएगा।
"साथ ही उन्होंने कहा कि जहां सैनिटरी नेपकिन स्वच्छता का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर इससे अनेक बीमारियों से निजात मिलती है। उन्होंने साथ ही कहा आज नारी पुरूषों से भी आगे हैं, हर क्षेत्र में नारी अपना पूर्ण योगदान देकर प्रदेश एवं देश का नाम रोशन कर रही हैं और देखा जाए तो रोजगार के क्षेत्र में भी नारियों ने अपनी अहम भूमिका निभाते हुए अपने परिवार और समाज की स्थिति को मजबूत किया है।