उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखंड में कई भाषाएं व बोलियां बोली जाती हैं, लेकिन गढ़वाली और कुमाऊंनी प्रमुख भाषाएं हैं। सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ इन पहाड़ी भाषाओं को बचाने का प्रयास चल रहा है। इस प्रयास को गूगल का भी साथ मिला है। गूगल ने गढ़वाली और कुमाऊंनी को अपने ‘कीबोर्ड’ में शामिल किया है।
जिस तरह आप अभी तक अपने एंड्रोइड फोन हिंदी में टाइप करते थे, उसी तरह अब आप गढ़वाली और कुमाऊंनी भी टाइप कर सकते हैं। यह उत्तराखंड की बोलियों के संवर्धन के प्रयास में दशकों से लगे लोगों के लिए खुशी से झूम उठने की खबर है। सोशल मीडिया पर यह खबर सामने आने के बाद उत्तराखंड के निवासियों में खुशी छा गई हैं।