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पहाड़ की लाचार स्वास्थ्य सेवा ने 23 साल की राखी को मार डाला

उत्तर नारी डेस्क 

आज कल हर कोई कई प्रतियोगिता और चैलेंज में शामिल होता दिखाई दे रहा है। आप अगर सोशल मीडिया खोले तो आपको ऐसे कई चैलेंज दिखते नजर आएंगे जैसें - कहीं माल्टा खाओ प्रतियोगिता तो कहीं पहाड़ी टोपी चैलेंज। हालांकि इसमें कोई खामी नहीं परन्तु आप ऐसा ही एक चैलेंज अपने सिस्टम की खामियों को लेकर चलाये और पहाड़ से हो रहे पलायन को लेकर चलाये तो आप एक सच्चे पहाड़ी कहलायेंगे। बेशक़ आप ऐसे कई चैलेंज लीजिए पर आप अगर एक चैलेंज अपने सिस्टम की खामियों को लेकर चलाते तो आज 23 साल की राखी अपनी जान ना  गावती और यह अप्रिय घटना घटित नहीं होती। पांच दिन तक लेबर पैन में रह रही यह महिला एक बच्चे को जन्म तो देती है मगर अपनी ज़िंदगी गवा देती है और यह हमारे सिस्टम को चैलेंज करती है की आज भी पहाड़ पर अस्पताल और सुविधा या फिर डॉक्टर न होने के कारण हमारे   गाँव की कई महिला अपनी जान गवा देती है। चैलेंज करना है तो आप वह चैलेंज ले कि जो किसी की ज़िंदगी सुधारने या बदलने के रूप में हों। 

अगर आप पहाड़ों में रह रही महिलाओं की ज़िन्दगी देखें तो वह अपने आप में ही एक बड़ा चैलेंज होता हैं, उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना होता है इन्हीं में से एक घटना आज हम आपको बताएंगे। 

आप जो यह तस्वीर देख रहे है वह टिहरी जनपद की नैलचामी पट्टी के ठेला गाँव की विवाहिता राखी हैं, अब वह इस दुनिया में नहीं है और अपनी ज़िंदगी का चैलेंज हमारे सिस्टम की खामी के चलते हार चुकी है। पहाड़ में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में राखी जैसी न जाने कितनी ही महिलाओं ने दम तोड़ दिया है और आगे भी न जानें कितनी और राखी जैसी महिलाओं के साथ जारी रहेगा। फ़िर भी हमारे सिस्टम को इन सब चीज़ों से रत्ती भर भी फ़र्क नहीं पड़ेगा।

आपको बताते चलें, राखी देवी को प्रसव पीड़ा होने पर 11 दिसंबर को घनसाली के पिलकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया और उनकी गंभीर हालत के चलते  भी उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर नहीं किया गया। डॉक्टरों ने भी उन्हें सामान्य बताया और सही इलाज़ न देने के कारण 15 दिसंबर को राखी ने बच्चे को जन्म तो दिया परन्तु खुद जीवित न रह सकी और जब उन्हें हालत गंभीर होने पर अस्पताल पहुंचाया तो वह वहाँ पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुकी थी। 

अगर राखी को सही समय पर आज अच्छा इलाज़ और सुविधा मिल पाता तो आज शायद वह हमारे बीच होती और ऐसे कई चैलेंज अगर हम स्वीकार करते हैं तो एक ऐसा एक चैलेंज आप अपने सिस्टम के ख़िलाफ भी ले जिससे आप राखी जैसी महिलाओं की ज़िंदगी को बदल सकें। ऐसे चैलेंज अगर हम ले तो आज पहाड़ में रहने वाली महिलाओं की ज़िंदगी सवंर सकती है। 

अगर आप कोई चैलेंज लेते है तो खुद से लीजिए की आप किसी की ज़िंदगी को बेहतर कर सके। 

उत्तर नारी आपसे अपील करती है कि चैलेंज ले तो अपने सिस्टम को सुधारने का लें या फिर पहाड़ में रह रही महिलाओं को एक बेहतर सुविधा देना का ले।

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