उत्तर नारी डेस्क
मातृभूमि की रक्षा के लिए उत्तराखण्ड के कई वीरों ने अपनी जान की कुर्बानी दी है, जिसके लिए पूरा उत्तराखण्ड तहे दिल से नमन प्रकट करता है।
16 दिसंबर 1971 यानी आज ही के दिन भारत-पाकिस्तान के बीच हुई जंग की जीत की याद और युद्ध में शहीद जवानों के सम्मान में विजय दिवस मनाया जाता है। इस युद्ध में उत्तराखण्ड के 255 वीर सपूतों ने शहादत देश के लिए दी थी और इस शहादत को हमेशा ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। यह उस समय की बात है जब बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। उस दौरान पाकिस्तान ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के 93000 सैनिक थे जिन्होंने भारत के बहादुर सैनिकों के सामने सरेंडर कर दिया था। तब से देश में हर वर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं 255 जांबाजों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए कुर्बानी दी थी। जबकि देवभूमि के 78 सैनिक इस युद्ध में घायल हुए थे।
मातृभूमि के लिए शहादत देने वाले राज्य के 74 जवानों को वीरता पदक भी मिले थे।
विजय दिवस के इस अवसर पर सुबह 11 बजे गांधी पार्क में शहीद स्मारक पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत माल्यार्पण करेंगे।
उत्तर नारी उन सभी वीर सपूतों को सलाम करता है,
जय हिंद।