उत्तर नारी डेस्क
डीजीपी बनने के बाद डीजीपी अशोक कुमार एक्शन मोड मे है और पुलिस की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार का मन बना लिया है साथ ही चाहते है की जनता के साथ पुलिस पूरी तरह सहयोग करें।
जनता में पुलिस की छवि अच्छी हो इसके लिए अशोक कुमार ने शिकायतकर्ताओं को बड़ी राहत दी है। जी हां ऐसे महत्वपूर्ण मामले जहां शिकायतकर्ता जनपद पुलिस द्वारा की गयी जांच-विवेचना से अगर संतुष्ट नहीं होता है, तो ऐसी शिकायत की जांच-विवेचना की समीक्षा पुलिस मुख्यालय द्वारा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से की जाएगी। पूर्व में ऐसी शिकायत की जांच/विवेचना की समीक्षा के लिए शिकायतकर्ता और जांच अधिकारी को पुलिस मुख्यालय बुलाया जाता था, जिसमें कभी कभी किसी शिकायतकर्ता को काफी दूर से आना पड़ता था।
अब शिकायतकर्ता एवं जांच अधिकारी को पुलिस मुख्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी। अगले माह 01 जनवरी से प्रत्येक शुक्रवार को दोपहर 12.00 बजे से 13.00 बजे तक डीजीपी अशोक कुमार द्वारा सम्बन्धित जनपद से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ऐसी शिकायतों की जांच व विवेचना की समीक्षा की जाएगी, जिसमें शिकायतकर्ता, जांच अधिकारी और विवेचना अधिकारी द्वारा अपना-अपना पक्ष रखा जाएगा। वीडियो कान्फ्रेसिंग में पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड एवं पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, जनपद स्तर पर जनपद प्रभारी, पुलिस उपाधीक्षक, थाना प्रभारी, जांच अधिकारी, विवेचना अधिकारी और शिकायतकर्ता मौजूद रहेंगे।
साथ ही डीजीपी ने बताया कि यह व्यवस्था अगले माह 01 जनवरी से लागू होगी। वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सुनी जाने वाली शिकायतों का निर्धारण स्वयं मेरे एवं पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था और पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा किया जाएगा। इस व्यवस्था से शिकायतकर्ता, जांच अधिकारी एवं विवेचना अधिकारी का भी समय बचेगा और सम्बन्धित प्रकरण या विवेचना की समीक्षा समय से हो पाएगी। जिससे पीड़ित का त्वरित न्याय दिलाने में सहायता होगी।
तो वहीं डीजीपी अशोक कुमार द्वारा देहरादून के त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश में देशी-विदेशी पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत त्रिवेणी घाट पर जल पुलिस की टीम को मय राफ्ट नियुक्त करने हेतु दून पुलिस को निर्देशित किया है।