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हरिद्वार महाकुंभ 2021 : संतों को स्नान के लिए लानी होगी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट

उत्तर नारी डेस्क 


कोरोना महामारी के दौर में आयोजित होने वाला यह महाकुम्भ मेला बीते दूसरे कुम्भ मेलों से काफी अलग होगा। इस बार कुम्भ में किसी भी जगह पर संगठित रूप से भजन और भण्डारे की मनाही रहेगी। उत्तराखण्ड सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए नए नियम भी जारी किए हैं। कुम्भ को लेकर जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एअसोपी) में कुम्भ स्नान के लिए श्रद्धालुओं के साथ संतों के लिए भी पंजीकरण और कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट  अनिवार्य होगी।

आपको बता दें कि 11 मार्च को संन्यासी अखाड़े शाही स्नान करेंगे। मार्च में धर्मध्वाजा स्थापना के साथ अखाड़ों की पेशवाई भी निकलेगी। वहीं, सभी संन्यासी अखाड़ों की छावनियों में ठहरेंगें, जहाँ सभी संतों की कोरोना की एंटीजन जांच की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग थर्मल स्क्रीनिंग और कोरोना जांच टीम भी गठित कर रहा है। छावनियों में दो गज की दूरी, मास्क और सैनिटाइजेशन के लिए विशेष इंतजाम होंगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम सुरक्षा नियमों के पालन के लिए संतों को जागरूक भी करेगी।

देश के पांच राज्यों में कोरोना का नया स्ट्रेन एक बार फिर तेजी के साथ फैल रहा है। ऐसे में महाकुम्भ के आयोजन को लेकर सरकार, मेला प्रशासन व जिला प्रशासन और अधिक सचेत हो गया है। कुुंभ की अधिसूचना जारी होने के साथ 1 अप्रैल से हरिद्वार महाकुंभ 2021 शुरू हो जाएगा। 

कुम्भ की अधिसूचना जारी होने के साथ संतों और श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण व 72 घंटे पहले की कोविड आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा। अखाड़ों की छावनियों में ठहरने वाले संतों की कोविड एंटीजन जांच की जाएगी। छावनियों में शारीरिक दूरी, मास्क और सैनिटाइजेशन जैसे नियमों का पालन करना जरूरी होगा। इसके लिए संतों को जागरूक किया जाएगा।

- डॉ. एसके झा, सीएमओ, हरिद्वार

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