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उत्तराखण्ड : फर्जी शैक्षिक दस्तावजों के आधार पर नौकरी कर रहे थे मास्टर साहब, पुलिस ने किया गिरफ्तार

उत्तर नारी डेस्क

सरकारी नौकरी की बात ही कुछ अलग होती है। हर कोई चाहता है कि प्राइवेट नौकरी के बजाय सरकारी नौकरी लग जाए तो जिंदगी आराम से बीते। सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए लोग फर्जी डिग्री का सहारा भी ले लेते हैं। ऐसा ही मामला रुद्रप्रयाग जिले से सामने आया है। जहां एक अशासकीय विद्यालय जनता जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक रघुवीर सिंह बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर पिछले पांच साल से नौकरी करते आ रहे थे। लेकिन कहते हैं न शॉर्टकट हमेशा काम नहीं आते। जी हाँ, रघुवीर सिंह के साथ भी यही हुआ। एसआईटी की जांच में रघुवीर सिंह पकड़े गए और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। 

आपको बता दें, कि फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी पूरे प्रदेश में अभियान चला रहा है। इसके तहत पिछले साल रुद्रप्रयाग जिले में 9 शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। ये लोग प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल में सेवाएं दे रहे थे। इन सभी को निलंबित कर दिया गया था। अभियान के दौरान शिक्षक रघुवीर सिंह के खिलाफ़ भी फर्जीवाड़े संबंधी शिकायत मिली थी। एसआईटी जांच में शिक्षक की बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई थी। विभाग और प्रबंधन समिति स्तर पर कार्यवाही पूरी होने के बाद 17 मार्च को शिक्षक के खिलाफ़ पुलिस में केस दर्ज कराया गया। शनिवार को पुलिस ने फर्जी शिक्षक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। जिले में पिछले साल भी 9 शिक्षक फर्जी डिग्री पर नौकरी करते पाए गए थे, जिनके खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की गई थी।

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