उत्तर नारी डेस्क
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी ने बताया कि डिजी लॉकर में शैक्षणिक अभिलेख मिलना छात्रों के लिए राहत है। उन्हें अपने जरूरी दस्तावेज हर बार साथ में लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में उन्हें खोने का खतरा भी कम है। डिजी लॉकर से अभिलेख डाउनलोड कर जमा कराए जा सकते हैं। प्रो. नेगी ने बताया कि अन्य संस्थानों को विवि के विद्यार्थियों के दस्तावेज सत्यापन को विवि भेजने की जरूरत भी नहीं होगी। सभी अभिलेखों का सत्यापन ऑनलाइन हो जाएगा।
इस कार्य का संपादन नोडल अधिकारी डॉ. सुमित प्रसाद और नवनीत मेहरा द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि छात्र को डिजी लॉकर में पंजीकरण करना होगा। इसके बाद उन्हें एजुकेशन वाले विकल्प का चयन करना होगा। इसमें अपनी पंजीकरण संख्या, अनुक्रमांक और नाम अंकित करने बाद उत्तीर्ण वर्ष का चयन करना होगा। उसके दस्तावेज डिजी लॉकर के डाउनलोड वाले बॉक्स में आ जाएगा। बताते चलें कि उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए तमाम शॉर्ट टर्म कोर्स व प्रोफेशनल कोर्स भी अब मौजूद हैं।