उत्तर नारी डेस्क
पूरी दुनिया में सांपों की कई प्रजातियां पायी जाती हैं। उनमें से कई प्रजातियां ऐसी भी हैं जो अब लुप्तप्राय हो चुकी हैं। ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी है जो सांपों से प्रेम करते है और उन्हें बचाने का काम कर रहे हैं। एक ऐसा ही मामला उत्तराखण्ड में भी देखने को मिला। जहां लुप्तप्राय इंडियन एग ईटर सांप कार्बेट नेशनल पार्क की कालागढ़ रेंज में देखा गया। जिसे कार्बेट नेशनल पार्क की कालागढ़ रेंज से रेस्क्यू किया गया है।
आपको बता दें लुप्तप्राय इंडियन एग ईटर सांप करीब 50 साल पहले विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिया गया था। इस दुर्लभ सांप के मिलने से वन विभाग भी खासा उत्साहित है। अधिकारियों ने उक्त सांप को जंगल में छुड़वाकर उसकी निगरानी के निर्देश दिए हैं।
बताते चलें कि बीते बुधवार को कालागढ़ की एक आवासीय कालोनी से वन विभाग की रेस्क्यू टीम को सूचना मिली कि एक घर के पास सांप आ गया है। जिस पर रेस्क्यू टीम प्रभारी दीपक कुमार टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि इंडियन एग ईटर सांप को रेस्क्यू किया गया है। जो की करीब आधा मीटर लंबा था। जिसके सिर पर नारंगी लकीरें और पीठ भूरे रंग की थी। प्रभारी कुमार दीपक का कहना है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत इसे श्रेणी एक में रखा गया है। इसे मारने या नुकसान पहुंचाने पर उसी सजा का प्रावधान है जो किसी बाघ को मारने पर है। इंडियन एग ईटर ज्यादातर पेड़ों पर रहना पसंद करता है और पक्षियों के अंडे खाता है। सामान्यत: यह सांप ऊष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में ही पाया जाता है। यह निशाचर अधिकतम एक मीटर तक ही लंबा होता है। वन विभाग के अधिकारियों ने अंदेशा जताया है कि वन क्षेत्र में इस प्रजाति के और भी सांप पाए जा सकते हैं। एक बार में यह सांप कम से कम 40 से 50 अंडे देता है।