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उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री के नाम मेनका गांधी का 'लेटर बम', भ्रष्टाचार के बड़े आरोप, जानिए पूरा मामला

उत्तर नारी डेस्क 

मेनका गांधी के लेटर बम से उत्तराखण्ड सरकार में खलबली मच गयी है। एक के बाद एक ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिससे मौजूद तीरथ रावत की सरकार का असहज होना लाजमी है। आपको बता दें घटनाक्रम नैनीताल जिले के बैलपड़ाव और उधमसिंह नगर के बाजपुर में माइग्रेटरी बर्ड कम्युनिटी रिजर्व बनाने से जुड़ा हुआ है। त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में लिए इस निर्णय के तहत सरकार की मंशा थी कि इस स्थान पर प्रवासी पक्षियों के लिए कृतिम झील का निर्माण किया जाए, जहां प्रवासी पक्षी आ सकें तथा इस झील को भविष्य में पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए। परन्तु मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नाम लिखी ताज़ा चिट्ठी में भाजपा सांसद मेनका गांधी ने नैनीताल और उधमसिंह नगर ज़िलों में माइग्रेटरी बर्ड कम्युनिटी रिज़र्व की योजना को खनन माफिया के इशारे पर तैयार किया गया प्लान बताते हुए साफ तौर पर इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की है। साथ ही सांसद मेनका गांधी ने मौजूदा तीरथ सिंह रावत  सरकार को एक लेटर लिखा है कि पूर्व में भी उन्होंने कम्युनिटी रिजर्व के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं मिला।

तो वहीं, चिट्ठी में राज्य सरकार के अधिकारियों पर खनन माफियाओं से मिले होने का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए भी कहा है कि इस प्रकार के तालाब खोदने से माइग्रेट बर्ड नहीं आया करती। उन्होंने प्रोजेक्ट तैयार करने वाले अधिकारियों की ही मंशा पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या इस प्रोजेक्ट के लिए किसी प्रकार का कोई सर्वे किया गया ? उत्तराखण्ड में कितने प्रकार की और कहां-कहां माइग्रेट बर्ड आती हैं ? 

बता दें कि मेनका गांधी ने खनन माफिया को बढ़ावा दिए का आरोप लगाते हुए इस लेटर से न केवल सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही विपक्ष को एक बार फिर बैठे बिठाए सरकार को कोसने और विरोध करने का मौका दे दिया है। 

बताते चलें इससे पहले भी मेनका गांधी ने उत्तराखण्ड सरकार को 3000 करोड़ के घोटाले के आरोप में निशाने पर ले चुकी हैं। 


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