उत्तर नारी डेस्क
आपको बता दें ऊर्जा निगम के संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने रात 12:00 बजे से हड़ताल शुरू कर दी थी। ऊर्जा विभाग के 3500 कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की खबर से ही सरकार के हाथ फुले हुए थे। तो वहीं विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के राज्यव्यापी आंदोलन की हड़ताल का असर भी दिखना शुरू हो गया था। जिसके बाद पूरे उत्तराखण्ड की बिजली व्यवस्था चरमरा गई थी। राज्य के अलग अलग जिलों में अलग अलग स्थानों पर विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई थी। लोग परेशान हो रहे थे। कर्मचारियों की मांग के आगे सरकार को आखिरकार झुकना पड़ा। जनता को परेशानी ना हो इसके लिए ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कमान संभाली है। जहां बैठक में फैसला लिया गया है कि 1 महीने के भीतर संगत मोर्चा की मांगों को सरकार पूरा करेगी। बैठक में संयुक्त मोर्चा पदाधिकारियों को ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने ध्यानपूर्वक सुना और अपनी बात भी रखी। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग के एमडी को हाल में ही कार्यभार मिला है। कर्मचारियों की मांग को पूरा करने के लिए उन्हें वक्त चाहिए।
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बताते चलें कि ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों यूपीसीएल, यूजेवीएनएल व पिटकुल में कार्यरत सभी कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं। इनकी मांग है कि नियमित/संविदा/पेंशनरों की ACP की पूर्ववर्ती व्यवस्था 9-14-19, पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिले। यह आंदोलन में संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण व समान वेतन की मांग सहित 14 सूत्रीय मांगों पर निगम प्रबंधन एवं उत्तराखण्ड शासन द्वारा कोई भी सकारात्मक कार्रवाई ना किए जाने के विरोध में किया गया है। आंदोलन में तीनों निगमों में कार्यरत नियमित अधकारियों, कर्मचारियों, संविदा कर्मचारी व पेंशनर शामिल हैं।
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