उत्तर नारी डेस्क
24 अगस्त को उत्तराखण्ड राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा द्वारा आंदोलनकारियों की विभिन्न मांगों को लेकर तहसील में धरना प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन महेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में किया गया। 23 अगस्त से चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान मंगलवार को राज्य आंदोलनकारियों की मांग को लेकर तहसील में धरना प्रदर्शन व उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को आंदोलनकारियों की मांगों को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया गया।
आंदोलनकारियों की मुख्य मांगे -
1. 31 दिसम्बर 2017 से पूर्व के जिलाधिकारी कार्यालयों में चिन्हीकरण के लिए के लिए लम्बित आन्दोलनकारियों के आवेदन का तहसील स्तर पर स्थानीय अधिसूचना इकाई (एलआईयू) द्वारा जाँच करवाकर एक निश्चित अवधि तक निस्तारण करवाया जाए।
2. ऐसे चिन्हित राज्य आन्दोलनकारी जो पेंशन की पात्रता रखते है और उनकी मृत्यु हो चुकी है उनके आश्रितों को पेंशन के दायरे में लाकर आन्दोलनकारियों की भांति सुविधा प्रदान की जाए।
3. चिन्हित राज्य आन्दोलकारी की पेंशन एक समान की जाए।
4. चिन्हित राज्य आन्दोलनकारी जो घायल, जेल, अस्थाई जेल, मुकद्दमों एवं शासकीय अभिलेखा में दर्ज चिन्हित हों उनका मानक एक दिन बनाया जाए। उनकों 7 दिन जेल व गंभीर रूप से घायल वाली सुविधा प्रदान की जाए।
5. उत्तराखण्ड राज्य सरकार आन्दोलनकारियों के 2015 में विधान सभा में पास 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण विधेयक राजभवन से वापिस मंगाकर शीघ्र लागू किया जाए।
6. विभिन्न उ0प्र0 के न्यायालयों एवं सीबीआई कोर्ट में मुज्जफरनगर कांड के मुकद्दमें से संबन्धित बाद लम्बित हैं। उक्त प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए उच्चतम न्यायालय दिल्ली (सुप्रीम कोर्ट) के द्वारा समस्त वादों को उत्तराखण्ड में स्थानांतरण करवाये जाए। इसके लिए महाअधिवक्ता उत्तराखण्ड के अध्यक्षता में स्थाई अधिवक्ता उत्तराखण्ड सरकार (सीएससी) व चिन्हित आन्दोलकारी अधिवक्ताओं की उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाए। बता दें कि वक्ताओं का कहना है कि वर्ष 2015 से लगातार विधानसभा सत्र के दौरान राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा के द्वारा आंदोलनकारियों की मांगों को लेकर तहसील में धरना प्रदर्शन किया जाता रहा है। लेकिन कांग्रेस व भाजपा सरकार द्वारा आंदोलनकारियों की मांगों की अनदेखी होती रही है।
इस दौरान भूपेंद्र सिंह रावत, डॉ. शक्ति सेल, कमल किशोर खंतवाल, राकेश मोहन काला, प्रेम सिंह बिंदवाल, हरि सिंह रावत, दुर्गा काला, राम कुमार महेश्वरी, लीलावती देवी, मुन्नी कण्डवाल, सूरी देवी, इच्छा नहीं, उमेश जुयाल, मनोहर सिंह, देवी सिंह, कुसुम बड़थ्वाल, मंजू कोटनाला, पार्वती अधिकारी, रामेश्वरी देवी, राकेश लखेड़ा, कृष्णा काला, राजेश्वरी रावत, इन्दु गौड, लक्ष्मी रावत, उर्मिला जोशी, सुशीला देवरानी, विनयपाल सिंह, संगीता रावत, शीला देवी, शहनाज, अर्चना दुदपुड़ी, मुन्नी काला, बृजमोहन काला, सुनील बलूनी, चंद्रप्रकाश शाह, बंटी नेगी, पुरुषोत्तम डबराल, राजपाल सिंह, देवेंद्र सिंह रावत, देवेंद्र गुसाईं, विनोद अग्रवाल, लक्ष्मी डोबरियाल, विनोद सिंह, कांता देवी, सुरेंद्र बिष्ट और आरती बिष्ट मौजूद थे।
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