पंडित राजेन्द्र प्रसाद बेबनी
22-अगस्त-2021
वार:-----------रविवार
तिथी:----------15पूर्णिमा17:31
पक्ष:-------------श्रावणशुक्लपक्ष
माह:-------------भाद्रपद6गते
नक्षत्र:-------------धनिष्ठा19:38
योग:--------------शोभन10:38
करण:--------------विष्टि06:13
चन्द्रमा:---------मकर07:56तक/कुंभ
सुर्योदय:------------06:17
सुर्यास्त:-------------19:04
दिशा शूल-------------पश्चिम
निवारण उपाय:-------घीं का सेवन
ऋतु :----------------वर्षा-शरद् ऋतु
गुलिक काल:-----15:00:16:30
राहू काल:-------16:30से18:00
अभीजित-------12:09से12:57
विक्रम सम्वंत .........2078
शक सम्वंत ............1943
युगाब्द ..................5123
सम्वंत सर नाम:-....राक्षस
⏲️चोघङिया दिन⏲️
चंचल:-07:54से09:31तक
लाभ:-09:31से11:08तक
अमृत:-11:08से12:45तक
शुभ:-14:22से15:59तक
⏰चोघङिया रात⏰
शुभ:-19:12से20:35तक
अमृत:-20:35से21:58तक
चंचल:-21:58से23:21तक
लाभ:-02:07से03:30तक
शुभ:-04:53से06:17तक
🧫आज के विशेष योग🧫
वर्ष का 132वाँ दिन, भद्रा समाप्त 06:15, शरद् ऋतु प्रारंभ, श्रावणी पूर्णिमा, सत्य व्रत, रक्षाबंधन भद्रा पश्चात्, संस्कृत दिवस, भगवान लवकुश जन्मोत्सव, अमरनाथ यात्रा व कोकिला व्रत समाप्त, शुक्ल-कृष्ण यजुर्वेदी उपाकर्म, हयग्रीव जयंती, झूलन यात्रा पूर्ण (पूर्वाह्न की), बलभद्र पूजा (उड़ीसा में), पंचक 07:57 से, ग्रहयुति संयोग चंद्रमा से 5° उत्तर में गुरु 12:45 बजे, गायत्री जयंती, श्रावणी, यजुर्वेदीय तैत्तरिय हिरण्यकेशी, आपस्तंब बौधायन,अवनी अवित्तम/अवंति (द.भा.), कजरी पर्व (मध्य भारत), पवित्रोपना (गुजरात), झूला पर्व (बंगाल), आदित्य पूजन, अन्नाधान, कुलधर्म, यजुर्वेदीय व अथर्ववेदीय श्रावणी, ऋषि तर्पण,
🎗🏵🎗 रक्षाबंधन -
सनातन परंपरा में किसी भी कर्मकांड व अनुष्ठान की पूर्णाहुति बिना रक्षासूत्र बांधे पूरी नहीं होती। प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर लड़कियां और महिलाएं पूजा की थाली सजाती हैं।
थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक व मिष्ठान्न आदि होते हैं। पहले अभीष्ट देवता और कुल देवता की पूजा की जाती है, इसके बाद रोली या हल्दी से भाई का टीका करके उसकी आरती उतारी जाती है व दाहिनी कलाई पर राखी बांधी जाती है।
भाई, बहन को उपहार अथवा शुभकामना प्रतीक कुछ न कुछ भेंट अवश्य देते हैं और उनकी रक्षा की प्रतिज्ञा लेते हैं। यह एक ऐसा पावन पर्व है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को पूरा आदर और सम्मान देता है। रक्षाबंधन के अनुष्ठान के पूरा होने तक व्रत रखने की भी परंपरा है।
यह रक्षाबंधन का अभीष्ट मंत्र है :-
'येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबल |
तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल' ||
अर्थात जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षाबंधन से मैं तुम्हें बांधता हूं, जो तुम्हारी रक्षा करेगा।
इस वर्ष श्रावण शुक्ल पूर्णिमा रविवार दिनांक 22 अगस्त , 2021 ई. को पूर्णिमा तिथि सायं 17:31 बजे तक है, जो तीन मुहूर्त्त से अधिक होने से रक्षाबंधन का पर्व इसी दिन मनाया जायेगा। शास्त्रानुसार रक्षाबंधन में भद्रा टाली जाती है, जो इस दिन प्रातः 06:13 बजे तक है। अतः भद्रा समाप्ति के पश्चात् रक्षासूत्र (राखी) बाँधने हेतु चर-लाभ-अमृत का चौघड़िया प्रातः 07:54 से दोपहर 12:45 एवं शुभ का चौघड़िया दोपहर 14:22 से दोपहर 15:59 तक रहेगा। अपराह्ण काल दोपहर 13:57 से सायं 16:31, प्रदोष काल सायं 18:54 से रात्रि 21:08 एवं श्रेष्ठ मुहूर्त्त अभिजित दोपहर 12:09 से 12:59 तक है।
अपराह्ण काल:-13:46से16:20 तक
प्रदोष काल:-18:54से21:08 तक
श्रेष्ठ अभिजित मुहूर्त्त:-12:09से12:57 तक
🏡🌳वास्तु टिप्स🌳🏡
बुवाई के समय भूमि पूजन अवश्य कराएं। यदि संभव हो तो पूर्व दिशा की ओर मुंह करके गायत्री मंत्र या सूर्य मंत्र का जाप फसल बुवाई के समय करें।
🌅सुविचार🌅👏
जिस दिन सांसारिक रुचि मिटेगी , उसी दिन पारमार्थिक रुचि पूरी हो जायगी।
💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿
वजन कम करने के लिए आसान योग -
उष्ट्रासन -
उष्ट्रासन स्लिम और टोनिंग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योग आसन है। यह आपके कमर के आकार को कम करने में मदद करता है क्योंकि यह विशेष रूप से शरीर के उसी क्षेत्र पर काम करता है।
उष्ट्रासन करने की विधि -
सबसे पहले खाली पेट किसी खुली हवादार जगह पर एक चटाई बिछाकर बैठ जाएं। दोनों पैरों को सामने की तरफ फैलाएं और उसके बाद धीरे-धीरे दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर बैठ जाए। यह ठीक उसी तरह है जैसे आप वज्रासन की स्थिति में बैठते हैं। फिर धीरे-धीरे घुटनों के बल उपर की तरफ उठें और झुकते हुए पहले हाथ को पहली ऐड़ी और वैसे ही दूसरे हाथ को दूसरे पैर की ऐड़ी पर लगाएं। आप 10 से 15 सेकेंड इस स्थिति में रहें। फिर वापस पहले वाली स्थिति में आ जाएं।
🐑🐂 राशिफल🐊🐬
🐏 राशि फलादेश मेष :-
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली होगी। धनार्जन होगा। चोट व रोग से बचें। व्यवसाय ठीक चलेगा। मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा के अवसर आएंगे। आमदनी में सुधार होगा। व्यापारिक स्थायित्व बढ़ेगा। मांगलिक उत्सवों में भाग लेंगे।
🐂 राशि फलादेश वृष :-
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। नई योजना बनेगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। जीवनसाथी को सम्मान मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। जोखिम के कामों से दूर रहें। नौकरी में ऐच्छिक स्थानांतरण, पदोन्नति के योग हैं। अध्ययन में रुचि बढ़ेगी।
👫 राशि फलादेश मिथुन :-
तीर्थदर्शन हो सकता है। महत्वपूर्ण व्यक्तियों से मेलजोल बढ़ेगा। प्रसन्नता रहेगी। संतान पक्ष की चिंता रहेगी। समस्याओं का हल ढूँढ सकेंगे। कर्ज लेने की प्रवृत्ति का त्याग करें। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। क्रोध-चिड़चिड़ाहट से कार्य नहीं करें।
🦀 राशि फलादेश कर्क :-
जल्दबाजी न करें। विवाद से बचें। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। सोच-विचार के अनुरूप स्थितियां रह पाएंगी। व्यावसायिक प्रयास सफल होने के आसार हैं। परिवार में धार्मिक, मांगलिक कार्य हो सकते हैं।
🦁 राशि फलादेश सिंह :-
यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। प्रभावशाली व्यक्ति सहायता करेंगे। धनार्जन होगा। मानसिक-वैचारिक श्रेष्ठता रहेगी। आर्थिक स्थितियां विशेष लाभप्रद बन पाएंगी। दांपत्य जीवन संतोषप्रद रहेगा। व्यर्थ लोभ-लालच नहीं रखें।
👱🏻♀ राशि फलादेश कन्या :-
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भूमि व भवन आदि की खरीद-फरोख्त संभव है। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। रोजगार में अपने कार्य को महत्व देंगे। महत्वपूर्ण काम समय पर पूरे हो पाएंगे। नए कार्यों की योजना बनेगी। आशानुरूप लाभ होने के योग हैं।
⚖ राशि फलादेश तुला :-
चोट व रोग से बचें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। निवेशादि लाभप्रद रहेंगे। परिवार के सदस्यों की तरक्की होगी। आमदनी से अधिक व्यय न करें। अपने कामों के प्रति सजगता रखना आवश्यक है।
🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-
शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है। दु:खद समाचार मिल सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। भागदौड़ रहेगी। कामकाज की अधिकता से तनाव बढ़ेगा। व्यावहारिक परेशानियां रहेंगी। छोटी-बड़ी तात्कालिक समस्याएं विचलित रखेंगी। व्यापारिक असंतोष रहेगा।
🏹 राशि फलादेश धनु :-
प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। लाभ होगा। दूसरों के व्यवहार से लाभ होगा। पूर्व नियोजित योजनाओं का क्रियान्वयन संभव है। रुके कार्यों की चर्चा होगी। संतान के कामों से सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
🐊 राशि फलादेश मकर :-
अतिथियों का आवागमन रहेगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। बेचैनी रहेगी। मान बढ़ेगा। झंझटों में न पड़ें। सहयोग, मार्गदर्शन नहीं मिल पाएगा। अर्थ संबंधी विवाद हो सकते हैं। संतान की चिंता रहेगी। सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेना होगा। पारिवारिक कामकाज स्थगित रहेंगे।
🏺 राशि फलादेश कुंभ :-
महत्वपूर्ण कार्यसिद्धि हो सकती है। मनोरंजक यात्रा होगी। निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। प्रमाद न करें। व्यावसायिक स्थिति में सुधार संभव है। कामकाज में मन लगेगा। निजी कार्यों में सावधानी, सतर्कता रखें। रुका पैसा प्राप्त होगा।
🐋 राशि फलादेश मीन :-
कुसंगति से बचें। यात्रादि में जोखिम न लें। लेन-देन में सावधानी रखें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। धैर्य रखें। आय से अधिक व्यय से आर्थिक तंगी आने की आशंका है। साधारण मतभेद, चिड़चिड़ाहट रह सकती है। दूसरों के कहने में नहीं रहें। व्यापार मध्यम रहेगा।
कुंडली से सम्बन्धित अन्य समस्याओं और उनके निराकरण हेतु संपर्क करें - पंडित राजेंद्र प्रसाद बेबनी
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