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उत्तराखण्ड : एशिया के दूसरे सबसे बड़े रोपवे को रोजगार की शर्त पर जनता की मिली हरी झंडी

उत्तर नारी डेस्क

उत्तराखण्ड में एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे बनने जा रहा है। जिसकी लंबाई 5.5 किमी होगी। जो हांगकांग के गोंगपिंग रोपवे की लंबाई 5.7 किमी से महज सौ मीटर कम है। आपको बता दें इस रोपवे के बनने से मसूरी में लगने वाले ट्रैफिक के साथ ही सुरक्षित पर्यावरणीय दृष्टि से यात्रियों को सुविधाजनक यातायात का साधन सुलभ होगा। इसके साथ ही रोपवे के निर्माण से बड़े पैमाने पर ढांचागत विकास होगा, जिससे मौजूदा क्षेत्रों की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। मसूरी में भी इससे जुड़े कई विकास कार्य होंगे, जिसका पर्यटकों और स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा। साथ ही दून और मसूरी के बीच सुंदर प्राकृतिक दृश्य भी देख सकेंगे। तो वहीं देहरादून-मसूरी के बीच बनने वाले इस प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट को स्थानीय लोगों ने भी सहमति दे दी है। हालांकि उन्होंने स्थानीय लोगों को रोजगार देने और क्षेत्र के विकास की शर्त रखी। जन सुनवाई में स्थानीय लोगों के समर्थन के बाद प्रोजेक्ट एक कदम और आगे बढ़ा है।

यूटीडीबी निदेशक प्रशांत कुमार आर्य ने बताया कि रोपवे निर्माण के लिए ग्रामीणों ने विशेष सहयोग देने के साथ सहमति भी जताई है। इसके लिए क्षेत्र के ग्रामीण बधाई के पात्र हैं। पुरकुल गांव में रोपवे बनने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। विभाग इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। 

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