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उत्तराखण्ड परिवहन निगम हुआ सख़्त, चालक और परिचालक की अब खैर नहीं, पढ़ें

उत्तर नारी डेस्क

अब खाने के ढाबे पर उत्तराखण्ड की बसों को मनमानी करना भारी पड़ सकता है। जी हाँ अनुबंधित ढाबों पर बस न रोकने की शिकायत को उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने गंभीरता से लिया है। बता दें अक्सर यह मामला कई बार सामने आता है कि यात्रियों संग ढाबे में बतमीजी हुई या फिर रेट को लेकर विवाद हुआ है। कई बार अनुबंधित ढाबे की बजाय अन्य ढाबे में रोकने पर चालक-परिचालक के मजे भी होते हैं। क्यूंकि उन्हें ढाबा संचालक द्वारा पैसे दिए जाते हैं। इसके अलावा खाना व अन्य सामान मुफ्त में भी दिया जाता है। इन्ही शिकायतों की वजह से निगम अब सख्ती के मूड में आ गया। इसलिए मुख्यालय ने आदेश कर दिया कि दिल्ली रूट पर चलने वाली हर बस स्टाफ को 282 रुपये व पर्ची जमा करना होगी। अगर पैसे और पर्ची नहीं मिली तो चालक और परिचालक दोनों के खिलाफ जुर्माना होगा। मुख्यालय का यह आदेश सभी डिपो में पहुंचा दिया गया है।

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बताते चलें उत्तराखण्ड परिवहन निगम की लंबे रूट की बसों को रास्ते में ढाबे पर रोका जाता है। ताकि सवारी खाना खाकर आगे का सफर तय कर सके। इसके लिए मुख्यालय स्तर से ढाबों संग अनुबंध किया जाता है। हाईवे पर सुरक्षा के लिए लिहाज से यह जरूरी भी होता है। 

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