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नैनीताल : बारिश में मां नंदा के जयकारों से गूंजा क्षेत्र

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड में ऐतिहासिक मां नंदादेवी महोत्सव बीते शनिवार से शुरू हो गया है। वहीं, महोत्सव को लेकर भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला। आपको बता दें पिछले साल कोरोना के चलते मेला बेहद सादगी से मनाया गया था। दुकानें भी नहीं सजाई गयी थीं। हालंकि कोरोना संक्रमण का असर कुछ कम होने से थोड़ी राहत मिलने के बाद से इस साल मेले में काफी संख्या में दुकानें सजाई गयी है और लोग भी मेले में शिरकत करने पहुंच रहे हैं जिससे व्यापारियों को कारोबार अच्छा होने की उम्मीद है।

वहीं नैनीताल में मां नंदा देवी महोत्सव के तहत रविवार को कदली वृक्ष लेकर भक्त मां के जयकारों के साथ नैनीताल पहुंचे। इस दौरान तल्लीताल स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर और सूखाताल में कदली वृक्षों की पूजा अर्चना की गई। जिसके बाद कदली वृक्षों को मां नयना देवी मंदिर परिसर में लाया गया और पूजन के बाद उन्हें सेवा समिति भवन में रख दिया गया। आज सोमवार को मां नंदा और सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण होगा। कदली (केले) के वृक्षों को लेने के लिए शनिवार शाम एक दल ज्योलीकोट के पास सडियाताल गांव में गया। रविवार शाम 3:20 बजे भारी बारिश के बीच दल के सदस्य नैनीताल पहुंचे।

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वहीं तल्लीताल स्थित श्री मां वैष्णो देवी मंदिर में मुख्य पुजारी दिनेश कांडपाल और श्रीराम सेवक सभा के आचार्य भगवती प्रसाद जोशी ने संयुक्त रूप से कदली वृक्षों की पूजा अर्चना की। वहीं भारी बारिश के बाद भी इस वर्ष भक्तों की टोली में कदली के वृक्षों को लाने का काफी उत्साह देखा गया। बाद में जब कदली वृक्षों को श्री मां नयना देवी मंदिर परिसर लाया गया, जहां भक्तों ने कदली वृक्षों का स्वागत किया। 

बताते चलें 13 सितंबर को मूर्ति निर्माण का कार्यक्रम होगा। 14 सितंबर को ब्रह्म मुहूर्त में मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा और पूजन, पंच आरती के बाद भक्तों के दर्शनार्थ रखी जाएंगी, रात्रि देवी पूजन और देवी भोग किया जायेगा। 15 सितंबर को प्रात: पूजन, दुर्गा सप्तशती पाठ, हवन, कन्या पूजन, पंच आरती, रात्रि दवी पूजन व देवी भोग होगा और 16 सितंबर को प्रात: पूजन, सुंदरकांड व नंदा चालीसा पाठ, पंच आरती, रात्रि देवी पूजन और देवी भोग होगा। 17 सितंबर प्रात: पूजन, देवी पूजन एवं भोग, मूर्ति विसर्जन होगा। 

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