उत्तर नारी डेस्क
इस स्कीम के अन्तर्गत नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, इकोटूरिज्म, वन्यजीव टूरिज्म आधारित कौशल को रोजगार में परिवर्तित किया जायेगा। उन्होंने वन्य जीव संघर्ष में जान गंवाने वाले वन कार्मिकों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिये शीघ्र नीति निर्धारण की बात कही। उन्होंने कहा कि वनों एवं वन्य जीवों के संरक्षण एवं संवर्धन में राष्ट्रीय स्तर पर हमारी निरंतर पहचान बनी रहे इसके लिये सभी को सहयोगी बनना होगा। संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा देने में भी वन्य जीवों का बड़ा महत्व है।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सांप, तितली एवं बांज वृक्ष पर आधारित तीन पोस्टर, कामन वर्ड ऑफ उत्तराखण्ड कॉफी टेबल बुक तथा स्कूलों के लिये दी जाने वाली ई-बुक का भी लोकार्पण किया। वहीं, कार्यक्रम में वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जे.एस. सुहाग, अपर प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्रा आदि भी मौजूद रहे।
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