उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में सामान्य बारिश के साथ मानसून की विदाई हो गई है। अपने सामान्य निर्धारित समय से मानसून करीब 10 दिन देरी से विदा हुआ। हालांकि, इस दौरान प्रदेश में सामान्य से दो फीसद अधिक बारिश रिकार्ड की गई। अब उत्तराखण्ड में मौसम शुष्क है और अगले कुछ दिनों तक इसके मिजाज में किसी प्रकार के बदलाव की संभावना नहीं है। हालांकि, तापमान में जरूर तेजी से गिरावट आ सकती है।
उतार-चढ़ाव के साथ दक्षिण-पश्चिम मानसून ने उत्तराखण्ड से विदाई ले ली है। बारिश के बदले पैटर्न के चलते इस बार मानसून का मिजाज भी कुछ बदला-बदला रहा। 13 जून को उत्तराखण्ड में दस्तक देने के बाद शुरुआत से ही मानसून की बारिश बेहद कम रही। जून में मानसून की बारिश सामान्य से कुछ अधिक (33 फीसद अधिक) जरूर रही, लेकिन जुलाई और अगस्त में बदरा रूठे रहे। इन दोनों माह में ही सामान्य से क्रमश: नौ और 23 फीसद कम बारिश हुई। इसके बाद सिंतबर में मानसून ने रफ्तार पकड़ी और पूरे माह उत्तराखण्ड में झमाझम बारिश हुई। इस दौरान सामान्य से 10 फीसद अधिक बारिश रिकार्ड की गई। वहीं, अक्टूबर के पहले सप्ताह में भी मेघ सामान्य से 30 फीसद अधिक बरसे। इसी वजह से ओवरआल मानसून की बारिश सामान्य ही रही।
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मौसम विभाग की भाषा में एक जून से 30 सितंबर तक की अवधि को मानसून सीजन कहा जाता है। जबकि, दक्षिण-पश्चिम मानसून के दस्तक देने से विदाई तक के अंतराल में होने वाली बारिश मानसून की बारिश मानी जाती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, सामान्यत: उत्तराखंड में 28 सितंबर के आसपास मानसून विदा हो जाता है, लेकिन इस बार राजस्थान और आसपास के इलाकों में निम्न दबाव क्षेत्र और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण मानसून की विदाई में देर हुई।
माह, वास्तविक बारिश, सामान्य बारिश, अंतर
जून, 260 मिलीमीटर, 180 मिलीमीटर, 33 फीसद
जुलाई, 364 मिलीमीटर, 331 मिलीमीटर, -09 फीसद
अगस्त, 306 मिलीमीटर, 398 मिलीमीटर, -23 फीसद
सितंबर, 213 मिलीमीटर, 194 मिलीमीटर, 10 फीसद
अक्टूबर, 18.5 मिलीमीटर, 13.1, 30 फीसद
सीजन, 1172 मिलीमीटर, 1189 मिलीमीटर, -02 फीसद
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