उत्तर नारी डेस्क
चारधाम यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों की सीमित संख्या होने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने बीते मंगलवार बड़ा फैसला सुनाया है। जहां उत्तराखण्ड सरकार को बड़ी राहत देते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने तीर्थयात्रियों की संख्या असीमित कर दी है। जिसके तहत अब तीार्थयात्री बेरोकटोक चार धाम यात्रा पर जा सकेंगे। तो वहीं आज उत्तराखण्ड सरकार द्वारा चार धाम यात्रा के लिए नई गाइडलाइन भी जारी कर दी गयी है।
जिसके तहत अब देहरादून स्मार्टसिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन एवं कोविड जांच ही जरूरी है। इसके अलावा तीर्थयात्रियों को ई-पास की कोई बाध्यता नहीं है। चारधाम यात्रा के संबंध में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए आयुक्त गढ़वाल ने कहा कि अब कोई भी तीर्थ यात्री जिनके पास स्मार्ट सिटी पोर्टल में रजिस्ट्रेशन की जानकारी नहीं है। यात्रीगण ऋषिकेश एवं हरिद्वार रेलवे स्टेशन एवं बस टर्मिनल पर निशुल्क अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इसके अलावा यात्रियों की निशुल्क कोविड जांच भी की जायेगी। इसके लिए तत्काल प्रभाव से हरिद्वार एवं ऋषिकेश में रजिस्ट्रेशन सेंटर खोलने के आदेश जारी कर दिये है।
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साथ ही चमोली, रूद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं कि पहले से दर्शन हेतु पहुंचे तीर्थयात्रियों गुप्तकाशी, फाटा, सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड से कोविड जांच के बाद केदारनाथ दर्शन हेतु भेज दिया जाये। इसी तरह बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में दर्शन हेतु तीर्थयात्री बेरोकटोक जाने हेतु जिलाधिकारियों को निर्देश दिये। तो वहीं अगर राज्य के भीतर किसी जांच बिंदु पर जांच के दौरान यदि किसी व्यक्ति में कोविड के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे जांच के लिए नजदीकी परीक्षण केंद्र अथवा अस्पताल में भेजा जाएगा। उसके पाजिटिव पाए जाने पर लक्षणों की गंभीरता व प्रोटोकाल के अनुसार उसे अन्यत्र रेफर किया जाएगा। इसके साथ ही बैठक में परिवहन विभाग को नगर निगम ऋषिकेष को चारधाम यात्रा बस टर्मिनल में साफ सफाई, सैनिटाईजेशन हेतु निर्देशित किया गया है।
बताते चलें कि चारधाम यात्रा करने के लिए कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी, लेकिन वर्तमान समय मे प्रदेश में कोविड के केस ना के बराबर आ रहे हैं, इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया गया है।
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