उत्तर नारी डेस्क
अगर आप ट्रैकिंग के लिए उत्तराखण्ड आ रहे है तो आपके लिए है ये जरूरी ख़बर। अब ट्रैकिंग के शौकीनों को उत्तराखण्ड में सैर के लिए पहले ट्रैक रूट के थाने से मंजूरी लेनी होगी। यानी कि थाने में आपको अपना पूरा परिचय और ट्रैक का प्लान बताना होगा। साथ ही अपने साथ ले जा रहे समान की भी जांच करवानी होगी। आपातकाल के लिए दवाएं और खाने के पैकेट भी मुहैया कराए जा सकते हैं। वहीं, अगर आप बिना थानों से मंजूरी लिए ट्रेकिंग पर निकल गए तो आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज भी हो सकता है। ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस शासन को प्रस्ताव भेजा गया है और इसकी एसओपी तैयार की जा रही है।
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बता दें कि पिछले दिनों उत्तरकाशी के हर्षिल से हिमाचल को जाने वाले ट्रैकिंग रूट पर 17 सदस्यों का एक दल फंस गया था। जिसमें से 11 लोगों की मौत हो गई थी। शुरुआत में जब इस बात का पता चला तो पुलिस को इन्हें ढूंढने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। क्योंकि पुलिस को पता ही नहीं चल पा रहा था कि वह किस रूट पर हैं और कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं। वहीं, इस घटना के बाद उत्तरकाशी पुलिस कप्तान से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही आगामी समय के लिए एसओपी बनाने की तैयारी की जा रही है। साथ ही इन क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाने के लिए सेटेलाइट फोन की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि इससे उनके मूवमेंट को ट्रैक किया जा सकेगा। जिससे अनहोनी की स्थिति में उन्हें ढूँढने में अधिक समय न लगे।
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