Uttarnari header

uttarnari

चमोली : गांव में तीन दशकों के लम्बे संघर्ष के बाद पहुंची सड़क, क्षेत्र में खुशी की लहर

उत्तर नारी डेस्क

देश को आजाद हुए 74 साल और उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखण्ड को नया राज्य बने 21 साल पूरे हो चुके है। लेकिन इसके बावजूद आज भी उत्तराखण्ड देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा पिछड़ा हुआ है। विशेषकर इसके पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का आभाव है। इन 20 वर्षों में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति कितनी जर्जर है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज भी लोग अपने गांव में पहली बार गाड़ी पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, प्रदेश सरकार दावे कर रही है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में प्रदेश को विकास की ओर बढ़ाया है। 

यह भी पढ़ें - आश्चर्यजनक, उत्तराखण्ड में तैयार हुई भांग से बनीं बिल्डिंग 

आप तो जानते ही हैं कि उत्तराखण्ड के गाँव में पहुंचने के लिए पूरी तरह से पक्की सड़कें नहीं हैं। अधिकतर सड़कें कच्ची हैं, जो पक्की भी हैं तो वे इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि उन पर से गुज़रना काफी कष्टकारी होता है। वहीं, सड़क विहीन गांव में पहली बार गाड़ी पहुंचने पर ग्रामीणों की खुशी देखते ही बनती है। ऐसी ही खबर चमोली जिले के देवाल विकासखंड के नजदीकी गांव देवसारी से सामने आ रही है। जहां ग्रामीणों के तीन दशकों की लंबी मांग के बाद पहली बार गांव में गाड़ी पहुंचने से खुश ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना ना रहा। गांव में पहली बार गाड़ी के आने से खुश ग्रामीणों ने ना केवल मिठाई बांटकर एक दूसरे का मुंह मीठा किया बल्कि ढोल की थाप पर खुशी से नाचते-झूमते भी नजर आए। गांव की नवनिर्मित सड़क पर रविवार को पहली बार बस का ट्रायल भी किया गया। जिसे राज्य आंदोलनकारी हरेन्द्र सिंह बिष्ट, क्षेत्र पंचायत सदस्य रमेश राम, पीएमजीएसवाई के अवर अभियंता नवीन जोशी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

यह भी पढ़ें - कोटद्वार : नाराज राज्य आंदोलनकारियों ने जलाईं शासनादेश की प्रतियां, पढ़े पूरा मामला 

Comments