उत्तर नारी डेस्क
युवाशक्ति को किसी भी राष्ट्र या प्रदेश का भविष्य माना जाता है। युवाशक्ति की क्षमता ही राष्ट्र की तरक्की तय करती है। देवभूमि उत्तराखण्ड में भी प्रतिभाओं की कमी नहीं है। अलग-अलग फील्ड में पहाड़ के लोग अपने हुनर का लोहा मनवा चुके हैं। आपको बता दें कि हर बार की तरह इस बार भी युवा वर्ग ने अपने प्रयासों से देश-दुनिया को चौंका देने वाला काम किया हैं। पौड़ी जिले के यमकेश्वर फलदाकोट मल्ला में युवाओं की एक टीम ने भांग (हेंप) से बिल्डिंग का निर्माण किया है। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 'हिमालयन हैम्प इको स्टेट प्रोजेक्ट' का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल हैम्प हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड की तस्वीर, तकदीर बदल सकती है। साथ ही कहा कि हैम्प इको स्टे प्रोजेक्ट के माध्यम से नम्रता कंडवाल, गौरव दीक्षित और उनकी टीम ने युवाओं के सामने मिसाल पेश की है।
यह भी पढ़ें - उत्तराखण्ड : देवभूमि की बेटी हिमानी बिष्ट बनी आर्मी में लेफ्टिनेंट, अब करेगी भारत मां की सेवा
आपको बता दें कि टीम का कहना है कि यह भारत की पहली ऐसी बिल्डिंग है जिसका निर्माण भांग से किया गया है। साथ ही युवाओं ने बिल्डिंग के अलावा स्वदेशी तकनीकी से भारत में निर्मित देश की पहली हेंप डेकोर्टिकेटर मशीन भी तैयार की है। वहीं, टीम की सदस्य नम्रता का कहना है कि जिस भांग को जलाया जा रहा है उसके रेशे निकालकर, कपड़ा, कागज, इथेनॉल, बायो प्लास्टिक, बिल्डिंग मैटेरियल जैसी इंडस्ट्री में इस्तेमाल किया जा सकता है। उनकी मानें तो भांग रोजगार के लिए नए दरवाजे खोल सकती है बस इसमें जरा सी रिसर्च करने की आवश्यकता है।
यह भी पढ़ें - उत्तराखण्ड : उर्वशी रौतेला ने अपने सोलमेट को लेकर दिया हिंट