उत्तर नारी डेस्क
आज उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की 21वीं बोर्ड बैठक आयोजित की गयी। जिसमें निर्णय लिया गया कि कोरोना के कारण देश में लगे लॉकडाउन से हुए नुकसान को देखते हुए मार्च 2020 से 30 जून, 2021 तक पीपीपी मोड पर राज्य में संचालित की जा रहीं विभिन्न परिसम्पतियों के संचालकों द्वारा निर्धारित किया गया शुल्क माफ कर दिया जाएगा। इससे पर्यटन विभाग पर करीब 70 लाख रुपए की आय का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, यूटीडीबी में 51 रिक्त पदों को भरने के लिए जल्द भर्ती निकाली जाएगी। जो कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत यह भर्ती की जाएगी।
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पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने 21वीं बोर्ड बैठक के बाद कहा कि आने वाले समय में उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटकों की संख्या दोगुना करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इसे ध्यान में रखते हुए विभाग इंटरनेशनल ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर (टीटीएफ) जैसे प्रमुख आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है। धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ शीतकालीन पर्यटन और साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए विभाग पर्यटन की ओर से जिला प्रशासन के साथ मिलकर नैनीताल, भीमताल, पंगोट, मसूरी समेत कई स्थानों पर विंटर कार्निवाल आयोजित किए जाने की योजना है। राज्य में साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को नियंत्रित करने हेतु पूर्व में विज्ञापित राफ्टिंग एवं पैरामोटर नियमावली के अतिरिक्त उत्तराखंड जल क्रीड़ा पॉलिसी, ट्रैकिंग रूल्स, पैरामोटर रूल्स तैयार किए जा रहे हैं।
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उत्तराखण्ड राज्य में पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने एवं स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार उपलब्ध कराये जाने की दृष्टिगत उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन कैरवान या मोटर हाउस की पहचान दिए जाने हेतु कैरवानिंग नीति तैयार की गई है। इसके तहत, राज्य में आने वाले पर्यटकों के लिए कैरवानिंग वाहन पार्किंग हेतु राज्य में विभिन्न स्थानों पर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इन कारगर उपायों से, निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
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