उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अब महज कुछ महीने का वक्त ही शेष है। भाजपा-कांग्रेस के कई दिग्गज नेता आगामी विधानसभा चुनाव-2022 में अपने परिजनों को टिकट दिलाने की जुगत में भी लगे हैं। इसी क्रम में उत्तराखण्ड से कोटद्वार विधायक हरक सिंह रावत भी अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के राजनीतिक भविष्य को संवारने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं। बात करें, पारिवारिक प्रत्याशी की तो इस में साफ़ तौर पर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति रावत गुसाईं का नाम सबसे आगे है। वह लैंसडाउन से दावेदार भी हैं जहां से पूर्व में हरक सिंह रावत विधायक रह चुके हैं। अब इस बीच कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने अपनी बहू को टिकट देने को लेकर एक बयान दिया है। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी थोड़ा असहज सी दिखाई दे रही है।
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आपको बता दें, कि अपनी बहू को टिकट देने पर मंत्री हरक सिंह रावत बोले हैं कि "हर माँ-बाप चाहता है उसके बच्चे तरक्की करें" इसके साथ ही उन्होंने यह तक कह डाला है कि विकास कभी भी चुनाव जीतने का पैमाना नहीं होता। अब यही वो बयान है, जिसको लेकर बीजेपी पार्टी थोड़ा असहज सी हो गयी है क्यूंकि बीजेपी पार्टी का पहले से एक ही नारा है कि सबका साथ सबका विकास। वह इस बात पर विश्वास करती है और किये गए विकास कार्यों के जरिए ही जनता से समर्थन भी मांगती है। अब मंत्री जी का इस तरह का बयान देना कि विकास कभी भी चुनाव जीतने का पैमाना नहीं होता है। अब इस बयान के बाद क्या नए समीकरण बनकर सामने आते हैं यह देखना दिलचस्प होगा।
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तो वहीं, इस बयान को लेकर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर का कहना हैं कि हरक सिंह रावत प्रदेश के बड़े नेता हैं। वे इस बात को कह सकते हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी हमेशा विकास पर विश्वास करती है और विकास के जरिए ही जनता से समर्थन भी मांगती है और हरक रावत के इस बयान को उनका निजी बताकर किनारा भी कर लिया है।
बताते चलें मंत्री हरक सिंह रावत ने हाल ही में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने साफ किया था कि वह सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं और जीत भी सकते हैं। हालांकि, उन्होंने हाल ही में यह भी कहा था कि वह अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं।
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