उत्तर नारी डेस्क
आज के समय में मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाले लोगों में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने सेल्फी का नाम ना सुना हो। आज ऐसा कोई शख्स नहीं जिसे सेल्फी लेना पसंद ना हो। बच्चे हों या युवा हों या बुजुर्गों सेल्फी के प्रति दिवानगी सभी में काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। युवा वर्ग तो सेल्फी का इतना दिवाना हो गया है कि सेल्फी को जब तक सोशल मीडिया पर अपलोड ना कर दे तब तक उन्हे खुशी नहीं होती है। लेकिन उनका ये दिवानापन कभी कभी भारी पड़ जाता हैं। आपको बता दें कि ऋषिकेश से चीला होते हुए अपने घर बिजनौर जा रहे युवक को जंगल में सेल्फी लेना उस वक्त भारी पड़ गया। जब युवक सेल्फी ले रहा था उसी समय गुलदार भी उसके सामने आ धमका। जिसके बाद युवक को अपनी जान बचाने के लिए दो दिन तक नीलधारा और गंगा की मुख्य धारा के बीच जंगल में भूखा रहना पड़ा और पेड़ पर अपने दिन काटने पड़े। वहीं, युवक को सप्तऋषि पुलिस चौकी प्रभारी ने शनिवार को जल पुलिस की मदद से रेस्क्यू किया।
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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर क्षेत्र के नागल सोती के गांव हरचंदपुर निवासी अनुराग ऋषिकेश में गुब्बारों के डेकोरेशन का काम करता है। गुरुवार को वह बाइक से चीला रोड होते हुए अपने घर जा रहा था। इसी बीच वह जंगल में सेल्फी लेने के लिए रुक गया। तभी गुलदार ने मौका देख युवक पर हमला करने की कोशिश की। जिसके बाद वह अपनी जान बचाने के लिए जंगल की तरफ भाग गया और इसके बाद गंगा में कूद गया। वहीं, इस दौरान उसका मोबाइल भी पानी में गिर गया। इसके बाद वह दो दिन तक गंगा की मुख्य धारा व नीलगंगा के बीच शदाणी घाट के पास फंसा रहा। वहीं, युवक ने बताया कि उसने सूखी लकड़ी जमा की और आग जलाई। जंगल से धुआं उठता देखकर घाट पर घूम रहे कुछ लोगों ने सप्तऋषि पुलिस चौकी प्रभारी प्रवीन रावत को इसकी सूचना दी। सूचना मिलने पर प्रवीण रावत अपनी टीम के साथ उस जगह पर पहुंचे और युवक को रेस्क्यू किया।