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हरक सिंह रावत पर लगा बाहरी होने का आरोप, हरक ने दिया ये जवाब

उत्तर नारी डेस्क

उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही दिन शेष है। लेकिन, सियासत गरमाई हुई है। हाल ही में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने अपनी विधानसभा कोटद्वार से चुनाव ना लड़ने की बात कहीं थी और अलाकमान के सामने 4 विधानसभा यमकेश्वर, लैंसडाउन, केदारनाथ और डोईवाला का विकल्प रखा था। जिसके बाद कई नेताओं में हड़कंप मचा हुआ है और वह इसको लेकर परेशान हैं। लेकिन, हरक का झुकाव लैंसडाउन विधानसभा सीट की ओर ज्यादा दिखा। जिसके चलते मौजूदा भारतीय जनता पार्टी के लैंसडाउन विधायक दिलीप कुमार रावत और हरक सिंह के बीच रार छिड़ गई। जो थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं, अभी लैंसडाउन की सीट को लेकर माहौल जरा शांत हुआ ही था। तो अब रुद्रप्रयाग से चुनाव लड़ने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लेकिन, इस चुनावी सरगर्मी के बीच हरक सिंह रावत का सीट बदलने की चर्चाओं और केदारनाथ विधानसभा सीट से दावेदारी को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया हैं। 

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गौर हो कि दलीप रावत ने उनके ऊपर आरोप लगाया था कि वो परिवारवाद को बढ़ावा दे रहें हैं और पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। लैंसडाउन विधानसभा सीट को लेकर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं के दावा ठोकने के बाद तो आरोप और तेज हो गए हैं। इतना ही नहीं, कई दूसरे नेताओं ने हरक सिंह के ऊपर ये आरोप भी लगाए थे कि वो दूसरे जिले के नेता होकर अन्य जिले में चुनाव लड़ रहे हैं। अब इन आरोपों पर हरक सिंह रावत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, "मैं कोई पाकिस्तानी नहीं हूं और न ही चीन से यहां पर आया हूं, जो उत्तराखण्ड विधानसभा में किसी भी सीट से दावेदारी ना कर सकूं। उत्तराखण्ड भारत का रहने वाला हूं। ऐसे में उनको बाहरी कहना गलत है।" वहीं, उन्होंने आगे कहा जब मैंने रुद्रप्रयाग जिला बनाया तब मेरे पर बाहरी होने का आरोप क्यों नहीं लगाया गया। उन्होंने आगे कहा कि केदारनाथ आपदा आने के बाद जब राहत बचाव कार्य के लिए पहुंचा था तब मुझ पर बाहरी होने का आरोप क्यों नहीं लगाया गया।

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