उत्तर नारी डेस्क
अस्पताल के पलंगों पर मरीजों को भर्ती किया जाता है, लेकिन यहां जिला अस्पताल में मरीजों की बजाए उनके बिस्तर पर कुत्ते आराम फरमा रहे है। यह नजारा अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का है, जहां मरीज गायब हैं और कुत्ते पलंग पर बैठे हुए हैं। कई दिनों से लोग जिला अस्पताल परिसार में घूमने वाले आवारा कुत्तों की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं किया गया है। आवारा कुत्तों के कारण मरीजों को डर बना रहता है। इससे अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था की भी पोल खुलकर सामने आ रही है।
बता दें कि ये मामला उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले के जिला अस्पताल का हैं। जो प्रदेश सरकार के 'चिकित्सा मॉडल' पर सवालिया निशान खड़े करता है। उत्तराखण्ड में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बदहाली की कगार पर हैं। अब स्थिति ये है कि अस्पताल के अंदर मरीजों के बजाए कुत्ते पलंगों पर डेरा जमा कर बैठे है। यहीं नहीं कभी-कभी ड्यूटी रूम में भी कुत्ते पहुंच जाते हैं। जिस वजह से मरीज खतरा महसूस कर रहे हैं। आवारा कुत्तों के इस तरह से मरीजों के लिए बनाए गए पलंगों में आराम फरमाने से बीमारी की भी आशंका बनी हुई है और काटने का भी खतरा बना रहता है। तो वहीं, इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि कुछ समय से सुरक्षा गार्ड भी अस्पताल में नहीं है, जो कुत्तों को भगा सके। अब वहां पर तैनात कर्मी कुत्ते के पीछे डंडा लेकर जाएं या मरीजों का ध्यान रखें। उनके लिए भी बड़ी मुश्किल है। गौरतलब है कि अस्पताल परिसर में घुसने वाले इन आवारा कुत्तों को रोकने के लिए एक गार्ड तक तैनात नहीं है। पलंग पर बैठे कुत्तों को देखकर यह लगने लगा है कि यह अस्पताल इंसानों का नहीं जानवरों के इलाज का है। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से कुत्तों को तो आराम है, लेकिन मरीजों का डर से बुरा हाल है।
जिला अस्पताल में पिछले कुछ समय से सुरक्षा गार्ड नहीं है। गार्ड की तैनाती के लिए पत्र लिखा गया है। ऐसे में मरीजों का उपचार कर रहे कर्मियों से बचकर कुत्ते अंदर आ गए होंगे। जब भी कुत्ते अंदर आने का प्रयास करते हैं, उन्हें भगाया जाता है। व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के प्रयास किए जाएंगे। - केसी भट्ट, पीएमएस, जिला अस्पताल
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