उत्तर नारी डेस्क
बता दें नैनीताल विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई नाराज़ नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। यहाँ तक मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी दिनेश आर्या ने तो नामांकन पत्र भी ले लिया है। उनका साफ कहना है वह नाराज़ भाजपा पार्टी के लोगों से मिलकर रणनीति तैयार करेंगे। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि निष्ठावान व वैचारिक कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर साजिशन कमजोर प्रत्याशी उतारा गया है और आशंका जताई कि पार्टी के किसी बड़े नेता ने पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के साथ टिकट फिक्सिंग कर कमजोर प्रत्याशी के रूप में सरिता आर्य का चयन कराया। वहीं, भीमताल विधानसभा से दावेदारी पेश करने वाले पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष मनोज साह ने समर्थकों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से ही त्याग पत्र देकर निर्दलीय चुनाव लडऩे का एलान कर दिया है।
मनोज साह का कहना है कि निर्दलीय प्रत्याशी राम सिंह कैड़ा जिसने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की उसको शीर्ष नेताओं ने टिकट दे दिया जो की बहुत गलत किया। वहीं, धारचूला से धन सिंह धामी को टिकट देने के विरोध में मुनस्यारी के 12 पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया है। अब देखना यह होगा कि कोने कोने से उठ रहे विरोध के स्वर को कैसे अब बीजेपी के शीर्ष नेता अपने पक्ष में करते हैं।
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