उत्तर नारी डेस्क
परिजन अपने बच्चों को पहले कैसे भी अपनी बाइक या स्कूटी पर बिठकर घुमा लेते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सरकार ने इसके लिए अब नए नियम जारी किए हैं। अगर अपने नए नियमों को पालन नहीं किया तो आपको महंगा पड़ सकता है। दरअसल, देश में सड़कों पर बच्चों की सुरक्षा के लिए नए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत उत्तराखण्ड में अब नए नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। आइए जानते हैं क्या-क्या है नए नियम में।
1- अगर 4 साल से छोटा कोई बच्चा दो-पहिया वाहन पर सवार है तो उसे क्रैश हेलमेट पहनना जरूरी है। यदि यह हेलमेट नहीं है तो साइकिल पर इस्तेमाल होने वाला हेलमेट पहनना होगा। यह हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के अधीन होना चाहिए।
2- चालक से जोड़ने के लिए सेफ्टी हार्नेस का उपयोग किया जाएगा। यह बच्चे को पहनाया जाएगा, जिससे बच्चे की कमर में बंधी पटि्टयां चालक द्वारा पहने गए शोल्डर लूप्स से जुड़ी होंगी। इससे बच्चे का ऊपर का शरीर चालक के साथ जुड़ा होगा।
3- दोपहिया वाहन की गति 40 किमी प्रति घंटे से अधिक कतई नहीं होनी चाहिए। अगर इससे ज्यादा स्पीड पायी गयी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ऐसा अक्सर देखा गया है कि बच्चों को बिना किसी सुरक्षा उपायों के ही लोग मोटरसाइकिल या स्कूटर पर लेकर घूमते हैं। सोशल मीडिया पर तो ऐसी भी तस्वीरें आती रहती हैं, जिसमें एक ही बाइक पर 5-10 बच्चे तक बैठाए होते हैं, लेकिन ये उनकी सुरक्षा के साथ बड़ा खिलवाड़ है। जिसको देखते हुए केंद्र सरकार ने संशोधित केंद्रीय मोटर यान अधिनियम में इसके लिए व्यवस्था की है। वहीं, अब इसके तहत उत्तराखण्ड में मोटरसाइकिल पर पीछे बैठने वाले नौ माह से लेकर चार साल तक के बच्चे को हेलमेट और सेफ्टी हार्नेस (शरीर पर पहने जाने वाली विशेष प्रकार की बेल्ट) पहनना अनिवार्य किया जा रहा है। जिसके लिए परिवहन विभाग इसका विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे स्वीकृति के लिए जल्द शासन को भेजा जाएगा।
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