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3 साल के मासूम की आफत में फंसी जान को डॉक्टर निकाला, पढ़े पूरा मामला

उत्तर नारी डेस्क 

कहते हैं डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है और यह बात सुशीला तिवारी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक मासूम बच्चे की जान बचाकर साबित कर दिखाया है। बता दें, उत्तराखण्ड के बागेश्वर जिले के गरूड़ क्षेत्र निवासी 3 वर्षीय मासूम बच्चे ने पैर में पहनने वाली बिछिया को निगल लिया था, जिसके बाद परिजन बच्चे को सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के आपातकालीन विभाग में लेकर आये। जहां बच्चे का एक्सरे करवाया गया, जिससे पता चला कि बिछिया खाने की नली के बीच में फंसी है। वहीं, सुशीला तिवारी अस्पताल के ई0एन0टी0 विभाग व चिकित्सकीय टीम ने सफल तरीके से इलाज करते हुए मशीन से खाने की नली के बीच में फंसी बिछिया को निकाल मासूम की जान बचाई। डॉक्टरों की सफल मेहनत देख परिजनों ने राहत की साँस ली और चेहरे ख़ुशी से खिल उठे। अब मासूम पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका है, जिसे देख डॉक्टरों ने मासूम को डिस्चार्ज कर दिया है। 

बता दें, ई0एन0टी0 विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 शहजाद अहमद ने बताया कि गरूड़ बागेश्वर निवासी 3 वर्षीय बच्चे कक्षित ने महिलाओं द्वारा पैर में पहनने वाली बिछिया निगल ली थी, जिसे परिजन विगत दिवस 22 मार्च शाम को डा0 सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के आपातकालीन विभाग में लेकर आये। जहाँ बच्चे का एक्सरे करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट आने से पता चला कि बिछिया खाने की नली के बीच में फंसी है। जिसके बाद एनेस्थिीसिया विभाग की सहायता से बच्चे को बेहोश करके डा0 शहजाद अहमद ने मशीन से बिछिया को निकाला। बच्चे के ठीक हो जाने पर 23 मार्च को बच्चे को घर भेज दिया गया। ई0एन0टी0 विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 शहजाद अहमद, ई0एन0टी0 विभाग की टीम व एनेस्थिीसिया विभाग की डा0 प्रियंका चैरसिया व नर्सिग स्टाफ की मेहनत ने बच्चे व परिजनों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी।


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