उत्तर नारी डेस्क

जानकारी के मुताबिक, ये मामला गत 14 मार्च का बताया जा रहा है। ऋषिकेश डिपो की साधारण बस (यूके07-पीए-3082) नेपाल के यात्रियों से पूरी तरह पैक थी। बस में आपातकालीन द्वार वाली सीट पर एक नेपाली महिला गोद में बच्चे को लिए बैठी हुई थी। उक्त बस के नजीबाबाद पहुंचने पर परिचालक ने आपातकालीन द्वार खोलकर वहां से सामान बस में चढ़ाया एवं महिला को जबरन सीट से उठा दिया। जिसका महिला ने विरोध किया तो परिचालक ने उससे बदसलूकी की और बस से उतारने की धमकी दी। वहीं, जब अन्य यात्रियों ने भी इसका विरोध किया तो बस के दोनों चालक भी बीच गैलरी में आ गए और महिला व शेष यात्रियों को भी बस से उतारने की धमकी दे दी। जिससे यात्री डर गए और फिर किसी ने विरोध नहीं किया। यह हालात रहे कि महिला ने बच्चे को गोद में लेकर रुपैड़िया तक का सफर तय किया। लंबी दूरी के कारण इस बस पर दो चालक तैनात रहते हैं। इस पूरी घटना का बस में सवार छात्र अंकित ने रोडवेज अधिकारियों के शिकायती नंबर पर वीडियो व फोटो शेयर कर दिए। छात्र ने बस में लिखे मंडल प्रबंधक संजय गुप्ता से फोन पर बात की और उन्हें घटनाक्रम की जानकारी दी। मंडल प्रबंधक ने परिचालक से फोन पर बात कराने को कहा तो छात्र ने मना कर दिया। उसी दिन कार्रवाई करते हुए मंडल प्रबंधक ने दोनों चालक व परिचालक को आफरूट करने के आदेश दे दिए थे। जांच के बाद मामला सही पाए जाने के बाद बुधवार को मंडल प्रबंधक ने दोनों चालकों की सेवा खत्म करने व परिचालक को निलंबित करने के आदेश दिए। वहीं, मंडल प्रबंधक ने एजीएम ऋषिकेश को भी चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने तत्काल कार्रवाई कर उन्हें अवगत नहीं कराया तो एजीएम के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
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