Uttarnari header

uttarnari

उत्तराखण्ड में ‘गुलदार कु दगड़िया' अभियान होगा शुरू, जानें इस अनोखे अभियान के बारे में

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड के हिमालयी इलाकों और खासकर जंगल से सटे ग्रामीण इलाकों में वन्यजीवों के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका मुख्य कारण संरक्षित क्षेत्र का अभाव, मानव आबादी की तरफ गुलदार का बढ़ना और आधुनिक युग में लगातार बढ़ रहे शहरीकरण है। यही कारण है कि पिछले 3 साल में जिले में वन्यजीवों के हमले के कारण 21 लोगों की जान जा चुकी है। इस बढ़ते संघर्ष को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा तमाम संवेदनशील जगहों पर जागरुकता कार्यक्रम, सेमिनार आदि का आयोजन किया जा रहा है। अब तक चमोली, उत्तरकाशी सहित कई बाकी जिलों से अच्छे रिजल्ट भी सामने आए हैं। वहीं, पिथौरागढ़ जिले में वन विभाग द्वारा मानव और वन्य जीव के बीच हो रही लड़ाई को रोकने के लिए 'गुलदार कु दगड़िया' अभियान शुरू करने जा रहा है। इस अभियान में लोगों को गुलदार के बीच कैसे रहना है, मानव वन्यजीव संघर्ष कैसे कम करना, तेंदुए के बारे में भ्रांतियों का निवारण, तेंदुए के साथ जीना सीखना आदि की जानकारी दी जाएगी। 

माना जा रहा है कि गुलदार कु दगड़िया अभियान के जरिए लोगों को उचित जानकारी देने के बाद मानव वन्यजीव संघर्ष में कमी आएगी। उल्लेखनीय है कि पिथौरागढ़ जिले में वन्यजीवों के हमले में 2019 में आठ, 2020 में छह, जबकि 2021 में सात लोगों की जान गई है। इसी को देखते हुए पिथौरागढ़ वन विभाग गुलदार कु दगड़्या अभियान शुरू करने जा रहा है। वहीं, डीएफओ पिथौरागढ़ कोको रोसे ने बताया कि, लगातार बढ़ रहे मानव और वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए जल्द गुलदार को दगड़्या अभियान शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिले भर के स्कूलों, शैक्षिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। कार्यक्रम में लोगों और बच्चों को जंगली जानवरों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही तेंदुए के बीच कैसे जीना है ये तमाम चीजें सिखाई जाएंगी। 

यह भी पढ़ें - CM कार्यालय में लगी आग, मचा हड़कंप


Comments