उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में जंगली हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। राज्य के अलग-अलग जिलों से आए दिन जंगली हाथियों के गांवों में घुसकर उत्पात मचाने की खबरें आती रहती है। ताजा मामला दुगड्डा ब्लाक के ऐता के निकट खोह नदी से सटे हुए खिकराणा तोक का है। जहां विगत तीन माह से जंगली हाथियों ने उत्पात मचाया है। वहीं, बीती शुक्रवार रात को दो हाथियों ऐता के रास्ते खोह नदी को पार कर खिकराणा गांव में पहुंचकर जमकर उत्पात मचाते हुए किसानों के खेत में उगी गेहूं की फसल को रौंद दिया और साथ ही नहर व सुरक्षा दीवार को भी नुकसान पहुंचाया। जिससे परेशान होकर किसानों ने वन विभाग से उनकी फसल के नुकसान का उचित मुआवजा देने और हाथी से सुरक्षा की मांग की।
बता दें, सांसद प्रतिनिधि सुदीप बौंठियाल, ग्रामीण सुरजी देवी, मुन्नी देवी और गौरव सिंह ने बताया कि आए दिन जंगली हाथियों की धमक ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती जा रही है। जिससे खेती को नुकसान के अलावा हाथी-मानव संघर्ष का खतरा भी बना हुआ है। उन्होंने गांव में सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग लगाने और हाथियों को क्षेत्र से दूर जंगल में भेजने के लिए पुख्ता प्रयास करने की मांग की। वहीं, दुगड्डा रेंज अधिकारी किशोर नौटियाल ने बताया कि उन्हें खिकराणा गांव में हाथियों के फसल को नुकसान पहुंचाने की जानकारी मिली है। उन्होंने बताया की सूचना मिलते ही टीम को भेजकर मुआवजे के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। साथ ही ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए रात को गश्त तेज की जाएगी।
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