उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड वासियों के लिए एक अप्रैल यानी आज से बिजली तो महंगी हुई ही थी परन्तु अब पानी भी महंगा हो गया है। आपको बता दें शासन की व्यवस्था के तहत हर साल एक अप्रैल से पानी के बिल में वृद्धि हो जाती है। यानी इस लिहाज से पानी के बिल में नौ से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, कमर्शियल उपभोक्ताओं को 15 फीसदी से अधिक भुगतान करना होगा।
शहरी क्षेत्रों में पानी का बिल हाउस टैक्स के आधार पर तय किया जाता है। शहरी क्षेत्रों में पानी के बिल में हर वर्ष 11 प्रतिशत के करीब बढ़ोतरी होती है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में घर में लगे नलों की संख्या के आधार पर बिल और उसमें बढ़ोतरी का निर्धारण किया जाता है। घर में दो नल होने पर बिल में नौ प्रतिशत और दो से अधिक नल होने पर 11 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है। जल संस्थान की ओर से हर तीन माह में पानी के बिल जारी किए जाते हैं। इसमें हर माह 15 से 25 रुपये की वृद्धि को पैमाना मानें तो अब बिल में 45 से 75 रुपये अधिक भुगतान करना होगा।
वहीं इस संबंध में जल संस्थान की महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग ने बताया कि पानी के बिल में बढ़ोतरी का नियम शासन से लागू किया गया है। इसके अनुसार हर वर्ष नौ से 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी स्वत: लागू हो जाती है। इसमें शासन की ओर से ही संशोधन या बदलाव किया जा सकता है।
31 मार्च के बाद लगेगा विलंब शुल्क
सरकार ने पानी के बिलों के भुगतान को लेकर आम जनता को बड़ी रियायतें दी थीं। जो 31 मार्च तक ही लागू हैं। 31 मार्च तक पानी का बिल जमा कराने पर पुराना सभी विलंब शुल्क माफ कर दिया गया था। 31 मार्च के बाद पानी का बिल जमा कराने पर लोगों को विलंब शुल्क जमा कराना होगा।
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