ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र प्रसाद बेबनी
दिनाँक:- 5/04/2022, मंगलवार
चतुर्थी, शुक्ल पक्ष,:
चैत्र माह
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि----------- चतुर्थी 15:44:35 तक
पक्ष------------------------ शुक्ल
नक्षत्र--------- कृत्तिका 16:50:35
योग-------------- प्रीति 07:57:27
करण------- विष्टि भद्र 15:44:35
करण-------------- बव 28:50:03
वार--------------------- मंगलवार
माह------------------------चैत्र 23गते
चन्द्रराशि------------------- वृषभ
सूर्य राशि-------------------- मीन
रितु------------------------ वसंत
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर-----------------------नल
संवत्सर (उत्तर)---------------- नल
विक्रम संवत--------------- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)---------2078
शाका संवत--------------- 1944
कोटद्वार
सूर्योदय--------------- 06:06:48
सूर्यास्त--------------- 18:37:22
दिन काल--------------12:30:34
रात्री काल------------ 11:28:20
चंद्रोदय--------------- 08:30:28
चंद्रास्त--------------- 22:33:42
लग्न---- मीन 21°3' , 351°3'
सूर्य नक्षत्र------------------ रेवती
चन्द्र नक्षत्र---------------- कृत्तिका
नक्षत्र पाया------------------- लोहा
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
उ---- कृत्तिका 10:12:05
ए---- कृत्तिका 16:50:35
ओ---- रोहिणी 23:30:39
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मीन 21:12 रेवती , 2 दो
चन्द्र =वृषभ 04°23, कृतिका , 3 उ
बुध = मीन 23 ° 07' रेवती ' 2 दो
शुक्र=मकर 04°05, धनिष्ठा ' 4 गे
मंगल=मकर 28°30 ' धनिष्ठा' 2 गी
गुरु=कुम्भ 28°30 ' पू o भा o, 3 दा
शनि=मकर 27°33 ' धनिष्ठा ' 2 गी
राहू=(व)वृषभ 00°20' कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 00°20 विशाखा , 4 तो
🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩
राहू काल 15:30 - 17:04 अशुभ
यम घंटा 09:14 - 10:48 अशुभ
गुली काल 12:22 - 13:56 अशुभ
अभिजित 11:57 -12:47 शुभ
दूर मुहूर्त 08:37 - 09:27 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:13 - 24:03* अशुभ
💮चोघडिया, दिन
रोग 06:07 - 07:41 अशुभ
उद्वेग 07:41 - 09:14 अशुभ
चर 09:14 - 10:48 शुभ
लाभ 10:48 - 12:22 शुभ
अमृत 12:22 - 13:56 शुभ
काल 13:56 - 15:30 अशुभ
शुभ 15:30 - 17:04 शुभ
रोग 17:04 - 18:37 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
काल 18:37 - 20:03 अशुभ
लाभ 20:03 - 21:29 शुभ
उद्वेग 21:29 - 22:56 अशुभ
शुभ 22:56 - 24:22* शुभ
अमृत 24:22* - 25:48* शुभ
चर 25:48* - 27:14* शुभ
रोग 27:14* - 28:40* अशुभ
काल 28:40* - 30:06* अशुभ
💮होरा, दिन
मंगल 06:07 - 07:09
सूर्य 07:09 - 08:12
शुक्र 08:12 - 09:14
बुध 09:14 - 10:17
चन्द्र 10:17 - 11:20
शनि 11:20 - 12:22
बृहस्पति 12:22 - 13:25
मंगल 13:25 - 14:27
सूर्य 14:27 - 15:30
शुक्र 15:30 - 16:32
बुध 16:32 - 17:35
चन्द्र 17:35 - 18:37
🚩होरा, रात
शनि 18:37 - 19:35
बृहस्पति 19:35 - 20:32
मंगल 20:32 - 21:29
सूर्य 21:29 - 22:27
शुक्र 22:27 - 23:24
बुध 23:24 - 24:22
चन्द्र 24:22* - 25:19
शनि 25:19* - 26:16
बृहस्पति 26:16* - 27:14
मंगल 27:14* - 28:11
सूर्य 28:11* - 29:08
शुक्र 29:08* - 30:06
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
मीन > 05:10 से 06:40 तक
मेष > 06:40 से 09:24 तक
वृषभ > 09:24 से 11:04 तक
मिथुन > 11:04 से 12:24 तक
कर्क > 12:24 से 14:44 तक
सिंह > 14:44 से 15:49 तक
कन्या > 15:49 से 07:01 तक
तुला > 07:01 से 09:28 तक
वृश्चिक > 09:28 से 00:40 तक
धनु > 00:40 से 01:44 तक
मकर > 01:44 से 03:30 तक
कुम्भ > 03:30 से 05:10 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान-------------उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू गुड़ यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
4 + 3 + 1 = 8 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
4 + 4 + 5 = 13 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
दोपहर 15:44 तक समाप्त
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
*नवरात्रि चतुर्थ दिवस कुष्मांडा देवी पूजन
* सर्वार्थ सिद्धि योग 16:51 तक
* गणेशदमन चतुर्थी व्रत
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
यत्रोदकस्तत्र वसन्ति हंसा-
स्तथव शुष्कं परिवर्जयन्ति ।
नहंतुल्येन नरेण भाव्यं
पुनस्त्यजन्तः पुनराश्र यन्तः ।।
।। चा o नी o।।
हंस वहा रहते है जहा पानी होता है. पानी सूखने पर वे उस जगह को छोड़ देते है. आप किसी आदमी को ऐसा व्यवहार ना करने दे की वह आपके पास आता जाता रहे.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14
लोभः प्रवृत्तिरारम्भः कर्मणामशमः स्पृहा ।,
रजस्येतानि जायन्ते विवृद्धे भरतर्षभ ॥,
हे अर्जुन! रजोगुण के बढ़ने पर लोभ, प्रवृत्ति, स्वार्थबुद्धि से कर्मों का सकामभाव से आरम्भ, अशान्ति और विषय भोगों की लालसा- ये सब उत्पन्न होते हैं॥,12॥,
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
प्रेम-प्रसंग में तनाव रहेगा। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम न लें।
🐂वृष
जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।
👫मिथुन
परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। पुराना रोग उभर सकता है। भूमि व भवन के कार्य बनेंगे।
🦀कर्क
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। तनाव रहेगा।
🐅सिंह
शोक समाचार मिल सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। जोखिम न लें। धैर्य रखें।
🙍♀कन्या
प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। भागदौड़ रहेगी।
⚖तुला
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। बेचैनी रहेगी।
🦂वृश्चिक
रोजगार मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। संतान की चिंता रहेगी।
🏹धनु
फालतू खर्च होगा। शारीरिक कष्ट संभव है। तनाव रहेगा। कार्य की गति धीमी रहेगी। जोखिम न उठाएं।
🐊मकर
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता रहेगी।
🍯कुंभ
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नेत्र पीड़ा संभव है। लाभ होगा।
🐟मीन
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कानूनी बाधा दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। जोखिम न लें। धनार्जन होगा।
कुंडली से सम्बन्धित अन्य समस्याओं और उनके निराकरण हेतु संपर्क करें - पंडित राजेंद्र प्रसाद बेबनी
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