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महिला सुरक्षा के प्रति उत्तराखण्ड पुलिस संवेदनशील, विवेचकों को हो पूर्ण जानकारी : DGP अशोक कुमार

उत्तर नारी डेस्क 

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार (डीजीपी) ने महिलाओं के विरूद्ध होने वाले बलात्कार, छेड़खानी एवं पोक्सो एक्ट के मामलों की जांच करने वाली महिला अधिकारियों (उपनिरीक्षक से पुलिस उपाधीक्षक) हेतु पुलिस लाइन देहरादून में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ किया।

जहां कार्यशाला में प्रदेश के समस्त जनपदों से कुल 125 महिला अधिकारियों (उपनिरीक्षक- 116, निरीक्षक- 02 से पुलिस उपाधीक्षक- 07) ने प्रतिभाग किया।

कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए DGP अशोक कुमार ने कहा कि महिला सुरक्षा के प्रति उत्तराखण्ड पुलिस संवेदनशील है। निर्भया केस के बाद महिला सुरक्षा सम्बन्धी कानूनों में काफी परिवर्तन हुए हैं साथ ही कई नए कानून बने हैं। आईपीसी, सीआरपीसी एवं साक्ष्य अधिनियम सभी में काफी परिवर्तन आये हैं। इन सभी का विवेचकों को पूरा ज्ञान हो इसके लिए यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है, जिससे उन्हें इन कानूनों की सही जानकारी हो। महिलाओं के विरूद्ध होने वाले बलात्कार, छेड़खानी एवं पोक्सो एक्ट के मामलों की जांच/विवेचना महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा ही की जाती है, इसलिए हमारे पुलिस अधिकारी एवं विवेचक पीडित के प्रति संवेदनशील हो। BPR&D (Bureau of Police Research and Development) द्वारा इन कानूनों एवं महिला अपराधों की विवेचना के सम्बन्ध में पूर्व में एवं नवीनतम जारी एस0ओ0पी0 की जानकारी हर विवेचक तक पहुंचे और उसका वह अनुपालन करे। पुलिस का कार्य पीडित मदद करना, उसे न्याय दिलाना और कानून के अनुसार कार्य करना है।

बता दें कार्यशाला में हिस्सा लेने के लिए प्रदेशभर से 298 महिला दारोगाओं को बुलाया गया था, लेकिन 118 दारोगाओं ने ही वर्कशाप में उपस्थिति दर्ज कराई थी। 

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